एक दिवसीय हैण्ड होल्डिंग कार्यशाला का आयोजन
रुद्रप्रयाग। विकास भवन सभागार मंे मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार ने सतत् विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) की कार्ययोजना, डाटा इकोसिस्टम एवं अनुश्रवण से संबंधित हैण्ड होल्डिंग कार्यशाला का शुुभारम्भ दीप प्रज्जलित कर किया। एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीकरण के लिए प्रभावी नियोजन 2030 के लिए कार्ययोजना का निर्माण करना है। कहा कि सतत विकास लक्ष्यों का नियोजन क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण निरन्तर जारी है। उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों से कार्यशाला में प्राप्त अनुभवों एवं जानकारियों के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यशाला में शोध अधिकारी देहरादून बीस सूत्रीय जेसी चन्दोला एवं सीपीपीजीजी करूणाकरण ने पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारी देते हुए सतत् विकास की अवधारणा को प्रतिभागियों के सम्मुख रखा। उन्होने बताया कि सतत् विकास लक्ष्य वर्ष 2030 तक गरीबी के सभी आयामों को समाप्त करने की दिशा में एक साहसिक एवं सार्वभौमिक समझौता है, जिसका उद्देश्य सभी के लिए समान एवं न्याय पूर्ण सुरक्षित विश्व की सृष्टि के लिए रखा गया है। समावेशी एवं समग्र मानव विकास की परिकल्पना इसके तहत की गयी है। कार्याशाला में जानकारी दी गयी कि विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए 17 (सत्रह) बिन्दु निर्धारित किये गये है, जिसमें विभिन्न विभागों को सम्मिलित किया गया है। प्रमुख लक्ष्यों में गरीब समाप्त करना, भुखमरी समाप्त, स्वास्थ्य सुधार, गुणवत्ता परक शिक्षा, लैंगिक समानता एवं सभी के लिए स्वच्छ जल एव स्वच्छता, सतत और आधुनिक ऊर्जा, आर्थिक विकास तथा रोजगार सृजन, अवस्थापना विकास, औद्योगिकीकरण तथा नवाचार प्रोत्साहन, अन्र्तक्षेत्रीय विषमताआंे को कम करना, शहरी क्षेत्रों और बस्तियों का संवहनीय तथा सुरक्षित विकास, सतत उपभोग तथा सतत उत्पादन, जलवायु परिवर्तन, वन एवं पर्यावरण संवहनीयता, शान्ति सुरक्षा एवं सामाजिक न्याय तथा कार्यान्वयन, भागीदारी सहभागिता आदि मुद्दों को चिन्हित किया गया है। कार्यशाला मेें लक्ष्यों के प्राप्ति के लिए प्रमुख मुद्दों एवं चुनौतियों पर भी फोकस किया गया। इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने, विभिन्न विभागों के मध्य समन्वय आदि पर चार (चार) ग्रुपों के माध्यम से प्लानिंग तैयार करायी गई। पहले गु्रप में सत्त विकास, दूसरे में मानव विकास तीसरे में सामाजिक विकास और चैथे में पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पर सुझाव तैयार किये गये। गु्रपवार तैयार की गयी आख्या का प्रस्तुतीकरण किया गया।