रावल देवता ने किया रुद्रप्रयाग संगम पर गंगा स्नान,
मकर सक्रांति पर्व बिजराकोट के प्रसिद्ध रावल देवता के साथ अग्निवीर ने किया स्नान,
बीस साल बन्याथ पर निकले हैं रावत देवता,
चारधाम कपाट खुलने के बाद करेंगे बद्री-केदार के दर्शन,
रुद्रप्रयाग। मकर सक्रांति के पावन पर्व पर तल्लानागपुर पट्टी के बिजराकोट स्थित प्रसिद्ध रावल देवता ने रुद्रप्रयाग संगम तट पर स्नान किया। इनके साथ चल रहे अग्निवीर लाटू देवता ने भी गंगा स्नान किया। बीस सालों बाद निकाली गई रावल देवता की बन्याथ से क्षेत्रवासियों में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। यह यात्रा चारधाम कपाट खुलने के बाद केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन को भी जाएगी।
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बिजराकोट स्थित प्रसिद्ध रावल देवता को भगवान शिव के आठवें अंश के रूप में पूजा जाता है। इनके साथ अग्निवीर के रूप में वीर लाटू देवता भी साथ यात्रा में चल रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो 20 साल बाद बन्याथ यात्रा का आयोजन किया गया है और छः माह तक विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर यात्रा चारधाम कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ और बद्री विशाल के दर्शन करने को पहुंचेगी। मकर सक्रांति के पावन पर्व पर तल्लानागपुर पट्टी के बिजराकोट स्थित प्रसिद्ध आराध्य रावल देवता ने रुद्रप्रयाग संगम पर गंगा स्नान किया। संगम पहुंचने पर यहां पहले से मौजूद भक्तों ने पुष्प वर्षा से रावल देवता का स्वागत किया। साथ ही रावल देवता का आशीर्वाद लेकर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की।
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जिला पंचायत सदस्य नरेन्द्र बिष्ट ने बताया कि विगत 22 नवम्बर को बिजराकोट में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन कर रावल देवता को गर्भगृह से बाहर लाया गया, जिसके बाद बन्याथ यात्रा विभिन्न गांवों का भ्रमण कर भक्तों को आशीष देने के बाद सोमवार को मकर सक्रांति के पर्व पर रुद्रप्रयाग संगम में गंगा स्नान को पहुंची। यहां रावल देवता के साथ ही लाटू देवता ने गंगा स्नान किया।
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वयोवृद्ध ग्रामीण गोपाल सिंह पंवार ने बताया कि रावल देवता की प्रथम बन्याथ यात्रा 1939 में शुरू हुई थी। इसके बाद वर्ष 2003 में यात्रा का दूसरी बार आयोजन हुआ और अब बीस साल फिर से बन्याथ का आयोजन किया गया है। क्षेत्रीय युवाओं, बुजुर्गो एवं महिलाओं के अथक प्रयास से बन्याथ का आयोजन किया गया हैै। जून माह में बणतोली में नौ दिवसीय महायज्ञ के साथ दिवारा यात्रा संपंन होगी। इस मौके पर जिपंस नरेन्द्र बिष्ट, जीत सिंह पंवार, गोपाल सिंह पंवार, सम्पति देवी, कुलदीप पंवार, महिपाल पंवार, बब्बी पंवार, युद्धवीर पंवार, राकेश पंवार, जीतपाल बिष्ट सहित अन्य मौजूद थे।
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