भरदार पट्टी के जवाड़ी में पांडव नृत्य की धूम
देव निशानों के साथ पांडवों ने किया अलकनंदा नदी में गंगा स्नान,
नये वर्ष पर फल वितरण के साथ होगा समापन,
रुद्रप्रयाग। भरदार क्षेत्र के जवाड़ी गांव में चल रहे पांडव नृत्य की इन दिनों धूम मची हुई है। शुक्रवार को पांडवों ने देव निशानों के साथ अलकनंदा नदी के किनारे गंगा स्नान किया। एक जनवरी को फल वितरण के साथ पांडव नृत्य का समापन होगा।
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गत 15 दिसम्बर से जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत जवाड़ी में चल रहे पांडवों के दौरान शुक्रवार को विनसर, हीत, ब्रहडुंग्री हीत, नागराजा, मठियाणा देवी, घंडियाल, शंकरनाथ देव निशान, पांडव पश्वा एवं ग्रामीण ढोल दमाऊ के साथ अलकनंदा नदी के किनारे पहुंचे। इस दौरान जयकारों के साथ क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। अलनंकदा नदी के किनारे देव निशानों एवं पांडवों के अस्त्र शस्त्रों को स्नान के बाद ग्रामीणों ने खुद स्नान किया। इसके बाद देव निशानों की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना कर हवन किया गया। इसके उपरान्त देव निशान अपने गतंव्य जवाडी के लिए रवाना हुए। इस दौरान उत्यासू में देव निशानों ने नृत्यकर भक्तों को आशीर्वाद भी दिया। देर शाम देव निशान व पांडव पांडव चैक पहुंचे। नौगरी का कौथिग के दौरान स्थानीय लोगों ने अपने घरों में पांडव पश्र्वों के लिए विभिन्न तरह के पकवान बनाकर पांडव चौक ले गए। सर्वप्रथम पांडवों के लिए बनाए गए पकवान देवताओं को अर्पित किए गए।
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उसके बाद ही पांडव पश्र्वों ने इसे ग्रहण किया। मान्यता है कि जब पांडव अज्ञातवास के लिए गए थे, तो उस समय उन्होंने विभिन्न गांवों में भीक्षा मांगकर ही अपना पेट भरा था। आज भी लोग इस परम्परा की संस्कृति को जीवित रखने में इसकी अहम भूमिका निभा रहे हैं। प्रतिदिन रात्रि में देवताओं के आह्वान के साथ ही पांडव अस्त्र शस्त्रों के साथ नृत्य कर रहे है।
पांडव नृत्य का लोगों द्वारा देर रात आनंद उठाया जा रहा है। धियाणियों एवं ग्रामीणों ने देवताओं एवं पांडवों के दर्शन कर भेंट भी अर्पित कर रहे है तथा भगवान से अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी कर रहे है। 31 दिसम्बर को गेंडा कौथिग व सिरोता एवं एक जनवरी को फल वितरण के साथ पांडव नृत्य का समापन किया जाएगा। नृत्य देखने के लिए जवाड़ी, दरमोला, तरवाड़ी, रौठिया, स्वीली, सेम, डुंग्री, उत्यासू, मेदनपुर समेत दूर-दराज गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे हुए थे। इस अवसर पर पांडव नृत्य समिति के अध्यक्ष प्रकाश सिंह कप्रवाण, सुरेन्द्र कप्रवाण, रणवीर सिंह, रणजीत सिंह, राजेन्द्र सिंह, नरेन्द्र सिंह, रविन्द्र सिंह, जीत सिंह, मंगल सिंह समेत कई लोग उपस्थित थे।
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