केदारनाथ में चटक धूप खिलने से मजदूरों ने ली राहत की सांस
बर्फवारी होने से धाम में पुनर्निर्माण कार्य हो रहे थे प्रभावित
धाम में चल रहे हैं पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत द्वितीय चरण के निर्माण कार्य
बर्फवारी के बीच मंदिर परिसर में भोले की तपस्या में लीन बर्फानी बाबा ललीत महाराज
रुद्रप्रयाग। दो दिनों तक हुई ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फवारी और बारिश के बाद मौसम साफ हो गया है। मौसम साफ होने के बाद लोगों ने भी राहत की सांस ली है। जहां केदारनाथ धामें में हो रही बर्फवारी से पुनर्निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे थे, वहीं निचले क्षेत्रों में ठंड का प्रकोप बढ़ गया था। केदारपुरी में मौसम साफ होने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिये गये हैं। इसके अलावा बर्फानी बाबा के नाम से प्रख्यात ललीत रामदास महाराज केदारनाथ धाम में रहकर तपस्या कर रहे हैं। अभी भी धाम में दो स तीन इंच बर्फ जमी है।

बता दें कि जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फवारी और निचले क्षेत्रों में बारिश होने से जनजीवन प्रभावित हो गया था। ऐसे में जहां केदारपुरी में पुनर्निर्माण कार्यो को रोक दिया गया था, वहीं निचले क्षेत्रों में लोग घरों में दुबक गये थे। अब मौसम खुलने के बाद चटक धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली है। केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के द्वितीय चरण के निर्माण कार्य हो रहे हैं। जिसमें चिकित्सालय भवन, तीर्थ पुरोहितों के घर, पुलिस चैकी, बाढ़ सुरक्षा कार्य, देवस्थानम बोर्ड के भवन आदि कार्य चल रहे हैं। समुद्रतल से 11,700 फिट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में मजदूर पुनर्निर्माण कार्यों में जुटे हुए हैं। यहां पर तापमान माईनस दस डिग्री में भी मजदूर निर्माण कार्य में जुटे हैं। धाम में तीन सौ के करीब मजदूर हैं, जबकि सात से आठ पुलिस जवानों के अलावा बाबा बर्फानी के नाम से प्रख्यात ललीत रामदास महाराज धाम में रहकर तपस्या कर रहे हैं। ये आपदा के बाद से धाम में रह रहे हैं। जहां कपाट बंद होने के बावजूद भी ललीत महाराज भोलेनाथ की तपस्या में लीन हैं। यहां पर शीतकाल के समय निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों को खाने और रहने की समस्या होने पर ललीत महाराज पूरी मदद करते हैं। उनका धाम को जाने वाले पुराने मार्ग पर आश्रम है, जिसमे करीब 200 से ज्यादा लोगों के लिए रहने की व्यवस्था है। ग्रीष्मकाल के समय यात्रा के दौरान सैकड़ों तीर्थयात्री आश्रम में आकर रात्रि प्रवास करते हैं और शीतकाल में मजदूरों को अपने आवास में समस्या होने पर वे उनकी मदद में जुट जाते हैं। केदारपुरी में मौसम साफ होने के बाद मजदूरों को काफी राहत मिली है। शीतकाल के समय में धाम में कार्य करना मुश्किल हो जाता है और ऊपर से बर्फवारी होने से मजदूरों को पानी तक की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में मजदूर बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग करते हैं। अब मौसम साफ होने के बाद बर्फवारी पिघलने से मजदूरों के लिए कार्य करना आसान हो गया है। जिलाधिकारी मनोज गोयल ने बताया कि ऊंचाई वाले इलाकों में दो दिनों तक जमकर बर्फवारी हुई है, जिससे निचले क्षेत्रों में ठंड भी काफी बढ़ गयी है। उन्होंने बताया कि केदारपुरी में पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत द्वितीय चरण के कार्य चल रहे हैं। बर्फवारी होने पर धाम में कार्य को रोक दिया जाता है और मौसम खुलने पर पुनः कार्य शुरू किया जाता है। उन्होंने बताया कि धाम में मजदूरों के लिए शीतकाल में ठंड से बचाव को लेकर सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।
