हर घर नल, हर घर जल योजना का भी नहीं मिला बामसू के ग्रामीणों को लाभ
तीन वर्ष पूर्व निर्मित बामसू-चोंथला पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त
सीएम से की पेयजल योजना की जांच की मांग
प्रधान ने सीएम से की मुलाकात, समस्याओं के निस्तारण की मांग
रुद्रप्रयाग। बच्छस्यूं पट्टी के बामसू गांव को जोड़ने वाला बाड़ा-बामसू मोटरमार्ग मौत को दावत दे रहा है। आलम यह है कि बरसात के दौरान मार्ग पर क्षतिग्रस्त दीवारों के निर्माण के साथ ही मलबा नहीं हटाया गया है। ऐसे में वाहन स्वामियों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। इसके अलावा तीन गांवों में पेयजल आपूर्ति को लेकर निर्मित पेयजल योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने से ग्रामीणों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। ऐसे में ग्रामीणों में संबंधित विभागों के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है।

बच्छणस्यूं पट्टी क्षेत्र में फैली समस्याओं को लेकर बामसू की प्रधान सुधा कंडारी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए समस्याओं के समाधान की मांग की। ज्ञापन में प्रधान ने कहा कि लोनिवि रुद्र्रप्रयाग के अन्तर्गत बच्छणस्यूं पट्टी के बामसू गांव को जोड़ने वाला बाड़ा-बामसू मोटरमार्ग मौत को दावत दे रहा है। इस मार्ग पर सफर करना किसी खतरे से खाली नहीं है। मार्ग पर बिछाया गया डामर उखड़ चुका है और मार्ग जानलेवा बना हुआ है। बामसू गांव में पांच से अधिक लोग रहते हैं, जो आये दिन मोटरमार्ग से आवाजाही करते रहते हैं। रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रामीणों को मोटरमार्ग से होकर खांखरा या फिर श्रीनगर पहुंचना पड़ता है, लेकिन मार्ग के हालात इस कदर हैं कि इस पर सफर करना जान को खतरे में डालना जैसा है। मोटरमार्ग पर बरसात के समय क्षतिग्रस्त पुश्तों का निर्माण नहीं हो पाया है, जबकि जगह-जगह मलबा गिरा होने से मार्ग दलदल मंे तब्दील हो गया है। बारिश होने पर मार्ग पर सफर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोटरमार्ग का निर्माण किये दस साल का समय बीत गया है और मार्ग पर बिछाया गया डामर पूरी तरह से उखड़ गया है। ग्रामीणों को अपने आवासीय भवनों को बनाने के लिए सामान ले जाने में दिक्कतें हो रही है। मार्ग पर भारी वाहन नहीं जा पा रहे हैं। मार्ग पर हर समय पत्थरों के गिरने का भय बना रहता है। विभाग की ओर से सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं किये गये हैं। मोटरमार्ग पर सालों से मरम्मतीकरण का कार्य नहीं हो पाया है। इसके साथ ही उन्होंने सीएम से जल निगम द्वारा निर्मित बामसू-चोंथला पेयजल योजना की जांच की मांग की।

उन्होंने कहा कि बच्छणस्यूं क्षेत्र के बामसू, चोंथला एवं बाड़ा के 150 से अधिक परिवारों को पेयजल सुविधा मुहैया करवाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 में एक करोड़ की लागत से पेयजल योजना का निर्माण किया गया, लेकिन योजना के निर्माण के बाद भी पानी की समस्या खत्म नहीं हुई है। विभागीय अभियंताओं और ठेकेदार की मिलीभगत से योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है। ग्रामीण जनता आज भी बूंद-बूंद पानी के लिए मोहताज है। योजना पर सही तरीके से कार्य नहीं किया गया है। योजना पर लगाये गये पाइप हवा में झूल रहे हैं, जबकि सुरक्षा दीवार का निर्माण भी कई स्थानों पर नहीं किया गया है। जिससे पेड़ और पत्थर गिरने से योजना क्षतिग्रस्त हो गई है और ग्रामीण जनता पानी के लिए परेशान है। कहा कि इस बाबत जिलाधिकारी को भी पत्र भेजा गया, लेकिन उनकी ओर से भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। ग्राम प्रधान बामसू सुधा कंडारी ने कहा कि उनके गांव को हर घर नल हर घर जल योजना का लाभ भी नहीं मिला है। इस योजना से भी ग्रामीणों को वंचित रखा गया है। उन्होंने सीएम से शीघ्र समस्याओं के समाधान की मांग की।

