दूर-दराज क्षेत्र से कलश यात्रा में भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
पिलांेजी में श्रीमदभागवत कथा के सातवें दिन निकाली गई जल कलश यात्रा
रुद्रप्रयाग। मद्महेश्वर घाटी में गिरिया गांव के अन्तर्गत पिलोंजी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान के सातवें दिन भव्य जलकलश यात्रा निकाली गई। इस दौरान जल कलश यात्रा में क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शिरकत कर पुण्य अर्जित किया। मंगलवार को पूर्णाहुति के साथ महायज्ञ का समापन होगा।
सोमवार प्रातः ग्यारह बजे पिलोंजी के शीर्ष मे स्थित राजराजेश्वरी मन्दिर से जलकलश यात्रा प्रारंभ हुई। यात्रा से पूर्व आचार्य अनुसूया प्रसाद देवशाली, कीर्तिधर देवशाली, भगवती प्रसाद एवं दीपक थपलियाल ने मन्दिर मे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना संपंन की, जिसके बाद मूल श्रोत से जल भरकर मन्दिर की परिक्रमा की। कथास्थल पर पहुंचकर लाये गये जल से अभिषेक कर अर्पण किया गया। इस दौरान कई देवी-देवता नर रूप में अवतरित हुए और मौजूद श्रद्धालुओं को अपना आशीर्वाद दिया। व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य योगेंद्र प्रसाद देवशाली ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य के जीवन का दुर्लभ संयोग है। कथा के दौरान उन्होंने भगवान के विभिन्न स्वरूपों का वर्णन करते हुए सभी क्षेत्रवासियों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी दिया। पंडित बच्चीराम सेमवाल एवं श्रीधर प्रसाद सेमवाल की ओर से आयोजित पुराण में प्रतिदिन ऊखीमठ, गुप्तकाशी एवं मद्महेश्वर व तुंगनाथ घाटी से श्रृद्धालु पहुंचकर पुण्य अर्जित कर रहे हैं। महायज्ञ मे देवी प्रसाद सेमवाल, भगवती प्रसाद, बंशीधर, मदन सिंह बर्त्वाल, धर्मानन्द, गंगाधर, श्रीनन्द, श्रीपति, लजावती देवी, सुरेशानंद, दिनेश चन्द, मुकेश चन्द, गोवर्धन प्रसाद एवं गोविंद राम सेमवाल मौजूद थे।
