पांडवों की विदाई के समय ग्रामीणों की आंखे हुई नम
सन गांव में पन्द्रह दिवसीय पांडव नृत्य संपंन
रुद्रप्रयाग। जिला मुख्यालय के निकट स्थित सन गांव में 15 दिवसीय पांडव नृत्य संपंन हो गया है। इस दौरान सैकड़ों ग्रामीण प्रवासियों, धियाणियों सहित कई अन्य लोगों ने शिरकत कर पांडवों का आशीर्वाद प्राप्त किया। धार्मिक अनुष्ठान के अंतिम दिन पांडवों की विदाई के दौरान सभी ग्रामीणों की आंखे नम दिखी।
सोमवार को पांडव नृत्य के अंतिम दिवस पर समस्त पांडव पश्वाओं ने सभी धियाणियों सहित स्थानीय लोगों व ग्रामीणों को प्रसाद देकर शुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया। पांडव नृत्य के अंतिम दिन पांडव जब पश्वाओं पर अवतरित हुए वे स्वतः ही एक दूसरे को गले लगाकर रोने लगे। यहां बैठे पांडव पश्वाओं को देखकर ग्रामीण भी भावुक हो उठे और कई धियाणियां उनकी खुद (याद) में फफक-फफक कर रोने लगी। पन्द्रह दिनों तक चले इस अनुष्ठान में अंतिम दिन मोरी डाली (कल्प वृक्ष) से हनुमान और नारायण भगवान के पश्वाओं ने फलों के प्रसाद को वितरित किया। इसके बाद पांडवों के अस्त्र-शस्त्रों की पूजा अर्चना की गयी। इससे पूर्व रात्रि में शिव पार्वती की झांकी निकाली गई। साथ ही ग्रामीणों ने हाथी कौथिग का आयोजन भी किया। जिसमें नाट्य मंचन के जरिये दुर्योधन और पांडवों के बीच हुए युद्ध में पांडवों ने दुर्योधन को परास्त कर कुरुक्षेत्र युद्ध का समापन किया। वहीं रात्रि आयोजन में भी ग्रामीणों व आगंतुकों की भारी भरकम संख्या में भीड़ उमड़ी रही।
फोटो: मोरी डाली से देव पश्वा फलों को प्रसाद के रूप में वितरित करते
