युवा पत्रकार रेनू को मिला ‘उम्मीदों का पहाड़‘ सम्मान
सांस्कृतिक यात्रा के बाद खेल प्रांगण में घोघा नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन
दस्तक परिवार ने धूमधाम से मनाया 14वां फूलदेई महोत्सव,
अगस्त्यमुनि। नगर क्षेत्र में दस्तक परिवार द्वारा 14वां फूलदेई महोत्सव एवं घोघा जात्रा धूमधाम से मनाया गया। फूलदेई महोत्सव में जनपद के विभिन्न क्षेत्रों की 36 टीमों के 400 से अधिक बच्चों ने प्रतिभाग किया। महोत्सव को बाल विकास विभाग द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत प्रायोजित किया गया। घोघा जात्रा के दौरान चला फुल्यारी फूल डाल्योला, अपड़ा घोघा खूब नचैला जैसे गीतों को गाते हुए फुलारी बच्चों की टोलियों ने धूम मचा दी।
खेल मैदान अगस्त्यमुनि से प्रारम्भ हुई घोघा सांस्कृतिक जात्रा अगस्त्यमुनि बाजार से होते हुए विजयनगर तथा वापस खेल मैदान में समाप्त हुई। विभिन्न पहाड़ी वेशभूषा के साथ घोघा एवं अन्य निशाणों को नचाते हुए बच्चे जब बाजार में निकले तो उनका स्वागत करने के लिए स्थानीय निवासी, व्यापारी एवं राहगीर जगह जगह पर खड़े थे। सांस्कृतिक यात्रा के बाद खेल प्रांगण में घोघा नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें प्राथमिक वर्ग में गुरुकुल नेशनल स्कूल अगस्त्यमुनि प्रथम, प्राथमिक विद्यालय जैली द्वितीय तथा सरस्वती शिशु मंदिर अगस्त्यमुनि तीसरे स्थान पर रही, जूनियर वर्ग में राइका कण्डारा प्रथम, सरस्वती विद्या मंदिर अगस्त्यमुनि द्वितीय तथा गुरुकुल नेशनल हाईस्कूल अगस्त्यमुनि तीसरे स्थान पर रही। बेस्ट घोघा का पुरस्कार बुरांश घोघा टीम विजयनगर को दिया गया, जबकि अकेले घोघा नचाने का अभिनव प्रयोग करने वाले योगेश मालासी को भी सम्मानित किया गया।
महोत्सव में बाल विकास विभाग रूद्रप्रयाग द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत सहयोग किया गया। और सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिह्न प्रदान किये गये। रिन्यू पावर प्रोजेक्ट द्वारा सभी प्रतिभागियों को भोजन की व्यवस्था की गई। इस अवसर पर दस्तक परिवार ने जनपद के जखोली विकासखण्ड के सकलाना ग्राम निवासी युवा पत्रकार रेनू सकलानी को ‘उम्मीदों का पहाड़‘ सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी ने कहा कि अपनी संास्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम होने आवश्यक हैं। उन्होंने दस्तक परिवार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को नई संस्कृति को पुरानी संस्कृति से जोड़ने की एक पहल बताया जो अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास है।
उन्होंने नई पीढ़ी का आह्वान किया कि वे जीवन में किसी भी मुकाम तक पहुंचे परन्तु अपनी संस्कृति, अपने गांव, अपने पहाड़, अपने मूल को न भूलें। विशिष्ट अतिथि लेखक एवं वरिष्ठ साहित्कार रमाकान्त बेंजवाल एवं जिपंस कुलदीप कण्डारी ने कहा कि अपनी माटी, अपनी पहचान और अपनी विरासत से नई पीढ़ी को रूबरू करवाने और उन्हें जोड़ने का जो प्रयास दस्तक परिवार ने किया है, वह सराहनीय है। सम्मानित होने पर युवा पत्रकार रेनू सकलानी ने कहा कि अपनी गृह जनपद में सम्मानित होना उनके लिए गौरव एवं प्रेरणा दायक है। आज जिस मुकाम पर वह पहुंची हैं, उसमें स्थानीय समाज और रचनात्मक वृति के लोगों का भी अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि माता पिता को अपने बच्चों की क्षमताओं को पहचानकर उनका भविष्य निर्धारण में सहयोग करें। आयोजन समिति के सदस्य हरीश गुसाईं एवं दीपक बेंजवाल ने कहा कि यह मात्र प्रतियोगिता नहीं है, अपितु अपनी सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक हस्तान्तरित करने का एक जरिया है। कालिका काण्डपाल ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम में सहयोग करने वाले सभी महानुभावों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन गिरीश बेंजवाल ने किया। कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका उम्मेद आर्य, राजेन्द्र प्रसाद पुरोहित एवं अंकित रावत ने निभाई। महोत्सव में पीजी कालेज अगस्त्यमुनि के एनएसएस स्वयं सेवकों द्वारा सराहनीय सहयोग दिया गया।
इस अवसर पर निवर्तमान सभासद भूपेन्द्र भंडारी, दिनेश बेंजवाल, उमा प्रसाद भट्ट, व्यापार संघ अध्यक्ष त्रिभुवन नेगी, रिन्यू पावर प्रोजेक्ट के प्रतिनिधि पृथ्वीपाल रावत, अनसूया मलासी, रामलीला कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुशील गोस्वामी, गजेन्द्र रौतेला, सुधीर बर्त्वाल, हेमन्त फरस्वाण, ललिता रौतेला, कुसुम भट्ट, माधव सिंह नेगी, विनीता रौतेला, उमा कैन्तुरा, माधुरी नेगी, हैप्पी असवाल, हिमंाशु भट्ट, दीपक सेमवाल, रोहित रावत, प्रकाश बड़वाल, हेमन्त चौकियाल सहित कई आयोजन समिति के समस्त कार्यकर्ता मौजूद रहे।