नरकोटा गांव में रेलवे कम्पनी की बड़ी लापरवाही, मानकों को ताक पर रखकर किया जा रहा कार्य
रुद्रप्रयाग। जिला मुख्यालय से सटे नरकोटा गांव में रेल परियोजना निर्माण कार्य में मानकों की जमकर धज्जियां उडाई जा रही हैं। आजकल ग्रामीणों के लिए सबसे बडा खतरा बैचिंग प्लांट से निकल रही जहरीली गैस से बना हुआ है। इस गैस से खांसी, दम फुलना जैसी बीमारी का भी खतरा बढ़ गया है, जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द इसका निपटारा नहीं किया गया तो पूरा गांव कंपनी के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा।
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नरकोटा गांव में रेलवे प्रोजेक्ट से ग्रामीणों को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हो रहा है। पहले ही बाजार समाप्त हो चुका है और दूसरी तरफ रास्ते, नहरे, मंदिरों के पैदल मार्ग तोड़ दिए गए है। अब सबसे बड़ा खतरा बैंचिंग प्लांट का बना हुआ है। यहां मेघा कम्पनी का बैंचिंग प्लान सबसे अधिक खतरे का सबस बना हुआ है। इससे दिन भर जहरीली हवा निकल रही है, जो इतनी खतरनाक है कि इससे सीधे तबीयत बिगड़ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस गैस से आंखों में जलन, खांसी और दम भी घुट रहा है। ग्रामीण दिनेश भटट का कहना है कि सबसे अधिक गैस मेघा कम्पनी के बैचिंग प्लान से होता है। कई बार शिकायत कर दी गई है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।वहीं प्रधान नरकोटा चन्द्रमोहन व वार्ड सदस्य विनोद भटट का कहना है कि कंपनी की दादागिरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर जल्द इस प्रदूषण का निपटारा नहीं किया जाता है तो आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा और जरूरत पड़ी तो काम भी बंद कराया जाएगा। वही मेघा कंपनी के अधिकारी प्रफुल रमोला ने बताया की इस संबंध मे तत्काल कंपनी के अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया। कहा की जनहित सबसे पहले है।
फोटो- नरकोटा में बैचिंग प्लांट से निकल रहा जहरीला धुंआ
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