पर्यटकों की आवाजाही से गुलजार हो रही तुंगनाथ घाटी
दो माह के भीतर तुंगनाथ घाटी में पहुंचे 13 हजार 658 पर्यटक
स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलने के साथ ही मिल रहा लोगांे को रोजगार
रुद्रप्रयाग। तुंगनाथ घाटी की प्राकृतिक सौन्दर्य से मात्र दो माह की अवधि में 13,658 पर्यटक रूबरू हुए हैं। विगत वर्ष दिसम्बर माह में रिकार्ड तोड़ पर्यटक तुंगनाथ पहुंचे, जबकि नूतन वर्ष आगमन व विगत दिनों हुई बर्फबारी का आनन्द लेने के लिए पर्यटकों की आवाजाही निरन्तर जारी है। दिसम्बर माह में रिकार्ड़ तोड़ पर्यटकों के तुंगनाथ घाटी पहुंचने से जहां स्थानीय पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिला है, वहीं स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय बेरोजगारों के सामने स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
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बता दें कि विगत वर्ष नवम्बर माह में 3,602 पर्यटक तुंगनाथ घाटी पहुंचकर तुंगनाथ घाटी की अनुपम छटा से रुबरु हुए, जिनमें 1660 पुरुष, 1375 महिलायें, 565 नौनिहाल व दो विदेशी सैलानी शामिल हैं। दिसम्बर माह में 10,046 पर्यटक तुंगनाथ घाटी पहुंचे, जिनमें 6317 पुरुष, 2277 महिलायें, 1451 नौनिहाल व एक विदेशी पर्यटक शामिल है। इसके अलावा नूतन वर्ष के आगमन का जश्न मनाने व विगत दिनों हुई बर्फबारी का लुफ्त उठाने के लिए तुंगनाथ घाटी में पर्यटकों की आवाजाही निरन्तर जारी है। तुंगनाथ घाटी के विभिन्न सुरम्य मखमली बुग्यालों, छोटे-छोटे हिल स्टेशनों के साथ ही तुंगनाथ घाटी के शीर्ष पर विराजमान चन्द्र शिला की हसीन वादियों का पर्यटक दीदार कर रहे हैं। पानीपत हरियाणा से तुंगनाथ घाटी पहुंचे पर्यटक अमित सोनी ने कहा कि तुंगनाथ घाटी को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है। इस घाटी में पर्दापण करने से अपार आनन्द की अनुभूति हो रही है।
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मेरठ से तुंगनाथ घाटी पहुंचे पर्यटक राहुल शुक्ल ने बताया कि आज तक तुंगनाथ घाटी के बारे में सिर्फ पढ़ा व सुना था, मगर पहली बार तुंगनाथ घाटी की अपार छटा से रूबरू होने का सौभाग्य मिला। यह माटी हकीकत में स्वर्ग के समान है। ईको पर्यटन विकास समिति चोपता तुंगनाथ के अध्यक्ष भूपेन्द्र मैठाणी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी में पर्यटकों की आवाजाही में निरन्तर वृद्धि होना भविष्य के लिए शुभ संकेत हैं। क्योंकि पर्यटकों की आवाजाही में लगातार वृद्धि होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा होने के साथ ही स्थानीय बेरोजगारों के सामने स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो रहें हैं। उनका कहना है कि यदि तुंगनाथ घाटी के यात्रा पड़ावों पर दूर संचार, बिजली जैसी व्यवस्थायें सुचारू की जाती तो पर्यटकों की आवाजाही में और अधिक वृद्धि हो सकती है। क्षेत्र पंचायत सदस्य करोखी उषा भटट ने बताया कि तुंगनाथ घाटी में पर्यटकों की आवाजाही में भारी वृद्धि होने से पठालीधार, सिरसोली, रोडू, मस्तरा,ताला सहित अन्य छोटे हिल स्टेशनों पर भी रौनक बनी हुई है।
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