टूरिस्ट गाइड कोर्स अपने आप में एक असली मार्ग दर्शक: शैलारानी
अगस्त्यमुनि पीजी काॅलेज में आयोजित दस दिवसीय टूरिस्ट डेस्टिनेशन गाइड कोर्स संपंन
अगस्त्यमुनि। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद एवं गढ़वाल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय टूरिस्ट डेस्टिनेशन गाइड कोर्स संपंन हो गया है।

इस अवसर पर केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि हमें अपनी परंपराओं को जीवित रखते हुए इन्हें पर्यटकों से भी रूबरू करवाना है। कहा कि पर्यटकों को अपनी परंपराओं से वाकिफ कराते हुए संस्कृति एवं विरासत को विश्व पटल तक विस्तृत कर सकते हैं। ऐसे प्रशिक्षण से अपना स्वयं का स्वरोजगार विकसित किया जा सकता है। टूरिस्ट गाइड कोर्स अपने आप में एक असली मार्ग दर्शक है। अति विशिष्ट अतिथि एवं मुख्य वक्ता पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा विभाग डॉ सविता मोहन ने बताया कि एक सुनियोजित तरीके से पर्यटन कार्यक्रम को संचालित करने की जरूतर है। उन्होंने बताया कि पर्यटन के लिए मार्ग में आने वाले सभी छोटे एवं बड़े धार्मिक स्थानों, ऐतिहासिक स्थानों एवं प्राकृतिक स्थानों को जोड़ते हुए एक सुनियोजित रूट डेवलप किया जा सकता है। पर्यटन का अर्थ केवल गंतव्य तक पहुंचना ही नहीं है, बल्कि सफर का आनंद लेते हुए दिखती हुई पहाड़ियों को महसूस करना, नदी की ध्वनि को महसूस करना, प्राकृतिक सौंदर्य को महसूस करना है।

एडिशनल डायरेक्टर ऑफ टूरिज्म पूनम चंद वीडियो कॉल के माध्यम से कार्यक्रम में सम्मिलित हुई। उन्होंने बताया कि किस प्रकार प्रशिक्षु नेशनल एवं इंटरनेशनल लेवल के पर्यटकों को अच्छे से गाइड कर सकेंगे एवं पर्यटन से रोजगार के साधन बढ़ेंगे। हेमवती नंदन बहुगुणा के पर्वतीय पर्यटन एवं अतिथि अध्ययन केंद्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एसके गुप्ता ने बताया कि किस प्रकार पर्यटन में जागरूकता लाकर स्वरोजगार की भावना का एक उच्च स्तर पर विकास किया जा सकता है। पीजी कॉलेज अगस्त्यमुनि के पूर्व प्राचार्य एवं वनस्पति विज्ञान के ज्ञाता डॉ गोविंद सिंह रजवार ने बताया कि किस प्रकार फ्लोरा एंड फौना को सुरक्षित रखते हुए पर्यटन किया जा सकता है। पूर्व प्रधान संगठन के अध्यक्ष विक्रम सिंह नेगी ने ग्रामीण पर्यटन को होम स्टे से जोड़ते हुए बताया कि पर्यटन एक विस्तृत क्षेत्र है। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो पुष्पा नेगी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने सभी प्रशिक्षुओं को एक अच्छे कुशल टूरिस्ट गाइड बनने एवं ईमानदारी से कार्य करने की शिक्षा दी, जिससे अपने समाज एवं प्रदेश को एक अच्छी राह पर ले जा सकेंगे।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। इस अवसर पर कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर डॉ सर्वेश्वर उनियाल, राकेश बिष्ट, डॉ हरिओम शरण बहुगुणा, डॉ प्रकाश फोन्दनी, डॉ अंजना फरस्वान, डॉ ममता थपलियाल, डॉ कृष्णा, डॉ तनुजा मौर्या, डॉ सुधीर पेटवाल, डॉ चंद्रकला नेगी, डॉ कनिका, डॉ रुचिका कटियार, डॉ सुनीता मिश्रा, फोटोग्राफर महेश पैन्यूली सहित अन्य मौजूद थे।




