भूख हड़ताल पर बैठे छात्र को पुलिस ने जबरन उठाया
छात्रों एवं पुलिस के बीच हुई तीखी नोक-झोंक,
अनशन पर बैठे छात्र का गिरा छः किलो वजन ,
जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया छात्र गौरव भट्ट ,
छात्र महासंघ अध्यक्ष संतोष त्रिवेदी, भानू चमोला एवं नितिन नेगी ने की भूख हड़ताल शुरू
पीजी काॅलेज अगस्त्यमुनि में नौ सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे छात्र
अगस्त्यमुनि। पीजी कालेज अगस्त्यमुनि में अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठे छात्र संघ अध्यक्ष गौरव भट्ट को पांचवें दिन प्रशासन ने धरना स्थल से जबरन उठा दिया। उन्हें रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया है। इस दौरान छात्रों एवं पुलिस के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई। वहीं आन्दोलन को गति प्रदान करने के लिए छात्र महासंघ के अध्यक्ष संतोष त्रिवेदी, भानू चमोला एवं नितिन नेगी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं। भूख हड़ताल पर बैठे गौरव भट्ट को उठाने के लिए पुलिस को एक घंटे तक संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी करते हुए पुलिस का घोर विरोध किया। छात्र छात्राओं ने कॉलेज का गेट बन्द कर गाड़ी को अन्दर ही रोक लिया। कई छात्र छात्रायें पुलिस की गाड़ी के आगे लेट गये। पुलिस को छात्रों को हटाने तथा गौरव को वहां से ले जाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी।
विगत कई दिनों से छात्रों की नौ सूत्रीय मांग को लेकर अभाविप आन्दोलन चला रहा है। आन्दोलन के तहत शनिवार 26 अगस्त को अचानक से छात्र संघ अध्यक्ष गौरव भट्ट अनिििश्चतकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गये। इस दौरान उनसे मिलने केदारनाथ विधायक शैलारानी भी पहुंची और उनकी समस्याओं पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत से वार्ता करने का आश्वासन दिया। चौथे दिन मंगलवार को अनशनकारी छात्र की मेडिकल जांच के लिए सीएचसी अगस्त्यमुनि से डॉ की टीम धरनास्थल पर पहुंची। डॉ ने जांच कर बतायाकि अनशनकारी छात्र का वजन छः किग्रा घट गया है। जिसके बाद पुलिस प्रशासन उन्हें उठाकर अस्पताल में भर्ती करने की सोचने लगे। मंगलवार रात्रि को नो बजे के आस पास नायब तहसीलदार रुद्रप्रयाग के नेतृत्व में पुलिस टीम ने अनशनकारी छात्र को उठाने का प्रयास किया, लेकिन छात्र-छात्राओं की भीड़ ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। छात्रों की भीड़ को देखते हुए पुलिस टीम बैरंग वापस आ गई। प्रशासन ने रात्रि दो बजे फिर से अनशनकारी छात्र को उठाने की कोशिश की, लेकिन इस बार छात्र सतर्क थे। उन्होंने अनशनकारी छात्र को अनशन स्थल से दूर सुरक्षित स्थान पर रख दिया। पुलिस के अनशन स्थल पहुंचने पर छात्र-छात्राओं ने जमकर पुलिस का विरोध किया। जिसके बाद पुलिस को अपने हाथ पीछे खींचने पड़े। बुधवार को पुलिस फिर से तहसीलदार राजेश्वर ध्यानी के नेतृत्व में अनशन स्थल पर पहुंची। पुलिस के अनशन स्थल पर पहुंचते ही छात्र नेता भड़क गये। उन्होंने जमकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी प्रारम्भ कर दी।
छात्र नेताओं ने डीएम, एसडीएम, एसपी आदि पर छात्रों के आन्दोलन को कुचलने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर दी। इस दौरान छात्र गो बैक के नारे लगाते रहे। इसी बीच चिकित्सकों की टीम अनशनकारी छात्र संध अध्यक्ष गौरव भट्ट की मेडिकल जांच करने लगी। मेडिकल जांच के बाद प्रशासन ने अचानक से गौरव भट्ट को अनशन स्थल से हटाने की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी। वहीं छात्रा छात्राओं ने इसका जमकर विरोध किया। स्वयं गौरव भट्ट किसी भी प्रकार से उठने के लिए तैयार नहीं हुए। काफी मशक्कत के बाद पुलिस टीम ने एएसआई प्रदीप चैहान के नेतृत्व में गौरव भट्ट को एम्बुलेंस की अनुपस्थिति में अपनी गाड़ी में बैठा दिया। छात्र छात्राओं ने तब तक मुख्य गेट बन्द कर गेट के आगे धरने पर बैठ गये। 15 मिनट तक नारेबाजी चलती रही। एम्बुलेंस के पहुंचने पर छात्रों को गेट से हटना पड़ा तब जाकर पुलिस गौरव भट्ट को एम्बुलेंस में बैठाकर जिला चिकित्सालय ले जा पाई। गौरव भट्ट के साथ छात्र संघ महासचिव अनिकेत सिंह एवं कई छात्र भी गये। इस दौरान छात्र नेताओं ने कहा कि विगत कई माह से हम लगातार छात्र समस्याओं से विद्यालय प्रबन्धन एवं सरकार को मिलते रहे परन्तु किसी ने कुछ नहीं सुना। आखिरकार उन्हें अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के लिए मजबूर होना पड़ा। कहा कि उनका आन्दोलन तब तक चलेगा, जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती है। वे पुलिस की इस दमनकारी नीति के आगे नहीं झुकेंगे। वे अनशनकारियों को उठाते रहेंगे। और दूसरा छात्र अनशन पर बैठता रहेगा। इस दौरान अभाविप के विभाग संगठन मंत्री चैन सिंह रावत, विभाग सह संयोजक रोहित चौहान, जिला संयोजक अभिनव भट्ट, सहमंत्री अमित मिश्रा, कोषाध्यक्ष सोनम रावत, प्रकाश चौहान, खुशी नेगी, अजय कुमार, दिव्या, आशा सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्रायें मौजूद रही।