केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यो को रोकेंगे तीर्थ पुरोहित
चार सूत्रीय मांगों को लेकर तीर्थ पुरोहितों का आमरण अनशन शुरू
सरकार के खिलाफ पुरोहितों ने की नारेबाजी,
20 सितम्बर से बड़े आंदोलन की चेतावनी
रुद्रप्रयाग। भू-स्वामित्व सहित अपनी अनेक मांगों को लेकर केदारनाथ तीर्थपुरोहितों ने सोमवार से केदारनाथ में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। मंदिर परिसर में धरना स्थल पर तीर्थ पुरोहित संदीप सेमवाल और कमल तिवारी ने आमरण अनशन शुरू किया, जबकि समर्थन में कई तीर्थपुरोहित धरने पर बैठ गए।

बीते दो दिनों के क्रमिक अनशन के बाद सोमवार से केदारनाथ धाम में तीर्थपुरोहित एवं व्यापारियों द्वारा आमरण अनशन शुरू कर दिया है। मंदिर परिसर में टेंट लगाकर आमरण अनशन शुरू करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। तीर्थपुरोहितों ने चेतावनी दी कि यदि 19 सितम्बर तक मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो 20 सितम्बर से बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसमें हेली सेवाओं के साथ ही केदारनाथ में चल रहे निर्माण कार्य रोक दिए जाएंगे। साथ ही विभिन्न गांवों से महिलाएं भी आंदोलन में कूद पड़ेगीं। धरना स्थल पर केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि लगातार सरकार को कहने के बाद भी 10 सालों से तीर्थपुरोहितों के वॉश आउट भवनों को भू-स्वामित्व नहीं दिया जा रहा है, जबकि कई अन्य मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों को विश्वास में लेकर कार्य नहीं किए जाते हैं। तीर्थपुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार भ्रष्टाचार को लेकर अनेक दावे कर रही है, लेकिन केदारनाथ में हुए भ्रष्टाचार की अभी तक कोई जांच नहीं हुई है। जांच होने तक गठित कमेटी को भंग किया जाना चाहिए।

तीर्थपुरोहितों ने कहा कि आंदोलन को लेकर पहले ही सूचना दे दी गई है कि यदि समय सीमा तक मांगे नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसलिए आंदोलन की सफलता के लिए केदारनाथ के तीर्थपुरोहितों एवं व्यापारियों व हक-हकूकधारियों के गांवों से महिलाओं को भी केदारनाथ आंदोलन में शामिल किया जाएगा। इसको लेकर बैठक में निर्णय लिया जाएगा। सोमवार को आमरण अनशनकारियों के साथ धरने पर केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, कोषाध्यक्ष प्रवीण तिवारी, सदस्य प्रदीप शुक्ला एवं पंकज शुक्ला, संतोष त्रिवेदी, अजय पुरोहित, पंकज शुक्ला, विजेन्द्र शर्मा, उमेश चन्द्र पोस्ती, देवेश बाजपेई, अनिल बगवाडी, चिमनलाल शुक्ला, प्रदीप शुक्ला, अरविंद शुक्ला, अनुराग शुक्ला, आशीष शुक्ला सहित कई तीर्थपुरोहित एवं व्यापारी बैठे रहे।



