शिक्षकों ने मांगों के समर्थन में काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
दो माह पूर्व हुई बैठक में सहमति बनने के बाद भी नहीं हुआ शासनादेश जारी
सरकार के रवैए को देखकर चरणबद्ध आंदोलन का बजाया बिगुल
रुद्रप्रयाग। राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर जनपद के समस्त शिक्षकों ने अपनी मांगों के समर्थन में काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज किया। राजकीय शिक्षक संघ पदोन्नति, वेतन विसंगति दूर करने, 5400 ग्रेड पे वाले शिक्षकों को राजपत्रित घोषित करने, प्रधानाचार्य के पदों पर शत प्रतिशत पदोन्नति, इंटर कॉलेजों में उप प्रधानाचार्य का पद सृजित करने, अंतर मंडलीय स्थानांतरण, एलटी को स्टेट कैडर घोषित करने जैसी 34 मांगों के संबंध में संघ की दो माह पूर्व शिक्षा मंत्री व विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति में बैठक हुई थी।
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बैठक में कई मांगों पर सहमति बन चुकी थी, जिसका कार्यवृत भी जारी किया गया। दो माह का समय बीत जाने के बावजूद एक भी मांग का शासनादेश जारी नहीं हुआ। मांगों के प्रति सरकार के रवैए को देखकर प्रांतीय कार्यकारिणी ने सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन का बिगुल बजा दिया।
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पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जनपद की 105 विद्यालय शाखाओं में कार्यरत शिक्षकों ने स्कूल पहुंचते ही काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज करते हुए शिक्षण कार्य किया। संघ के जिलाध्यक्ष नरेश भट्ट और मंत्री आलोक रौथाण ने कहा कि जनपद में विरोध कार्यक्रम शत-प्रतिशत सफल रहा। इसके लिए उन्होंने समस्त तीनों ब्लाक कार्यकारिणीयों, शाखाओं व समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं सहयोग की सरहाना की। उन्होंने कहा कि यदि इस सांकेतिक विरोध के बाद भी सरकार नहीं चेतती है तो जनपदीय कार्यकारिणी प्रांतीय नेतृत्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सड़कों पर उतरने को तैयार है। संघ के जिला उपाध्यक्ष शीशपाल पंवार ने कहा कि शिक्षकों में सरकार के रवैए से भारी आक्रोश है। शिक्षक पदोनत्ति आस लगाए बैठे है। विभागीय अधिकारियों अकर्मण्यता के कारण कई शिक्षक 30-35 वर्षों लंबी सेवा के बाद उसी पद से सेवानिवृत्त होने के कगार पर है। अब संघ इन नकारा अधिकारियों की फौज बर्दाश्त नहीं करेगा। संघ के अन्य पदाधिकारियों ने अपने कार्य स्थलों में रहकर विरोध कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
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