अपनी सरकार अपना पोर्टल के कारण समय पर नहीं भर पाये छात्र गौरा देवी कन्या धन योजना के फार्म
फार्म जमा करने का समय रखा गया कम, समय कम होने के कारण फार्म नहीं जमा कर सके छात्र
इधर-उधर भटकने को मजबूर आवेदन कर्ता, अपनी सरकार पोर्टल से लोग परेशान
सरकार की आधी अधूरी तैयारियों से प्रदेश के लाखों लोगों के प्रमाण पत्र फंसे ऑनलाइन
विपक्ष ने सरकार को घेरा, सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में जनता को किया जा रहा परेशान
अपनी सरकार ई पोर्टल का पता बता दो सरकार: नेगी
रुद्रप्रयाग। भाजपा सरकार की ओर से एक सप्ताह पूर्व गौरा देवी कन्या धन योजना की विज्ञप्ति जारी की गई और आवेदन फार्म जमा करने की अंतिम तिथि सात दिसम्बर रखी गई। ऐसे में समय कम और आवेदन के लिए प्रमाण पत्रों की संख्या ज्यादा होने से हजारों छात्र फार्म जमा नहीं कर पाये। ऐसे में छात्रों के परिजनों में सरकार के खिलाफ खासा आक्रोश बना हुआ है। वहीं विपक्ष को भी सरकार को घेरने का मुद्दा मिल गया है। उनकी माने तो सरकार ने आधा-अधूरी तैयारी के साथ अपनी सरकार अपना पोर्टल लांच किया, जिस कारण छात्र अपने प्रमाण पत्र नहीं बना पाये और योजना से वंचित रह गये हैं।

बता दें कि शासन स्तर से एक सप्ताह पहले ही गौरा देवी कन्या धन योजना की विज्ञप्ति जारी की गई और इसमें समय सीमा कम रखी गई। यह योजना गरीब वर्ग के लिए है, जिसमें सरकार की ओर से उन्हें पांच से दस हजार रूपए प्रोत्साहन दिया जाना है। इससे पहले यह योजना समाज कल्याण विभाग के पास थी, जबकि अब बाल विकास को योजना संचालित का जिम्मा सौंपा गया है। ऐसे में पहले बाल विकास को ही योजना की जानकारी नहीं है। जिले के छात्र किसी तरह अगर फार्म पूरा तैयार भी कर रहे हैं तो उन्हें जमा करने के लिए भटकना पड़ रहा है। पहले वे विभाग के पास पहुंच रहे हंै, उसके बाद उन्हें बाल विकास केन्द्र में भेजा जा रहा हैं। गरीब वर्ग के लोग किसी तरह योजना का लाभ पाने के लिए आर्थिक संकट से भी जूझ रहे हैं। दूरस्थ इलाकों से आकर उन्हें परेशान होना पड़ रहा है, जबकि सैकड़ों ऐसे छात्र भी हैं, जिनके प्रमाण पत्र ही नहीं बन पाये हैं और उन्हें प्रमाण पत्रों के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। ऐसे में फार्म जमा करने की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीब वर्ग को नियमों के झाल में फंसाकर रखा है। सरकार के अपनी सरकार अपना पोर्टल काम नहीं कर रहा है, जिस कारण प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। बाल विकास की इस योजना के लाभ से सैकड़ों छात्र वंचित रह गये हैं। सरकार की ओर से समय सीमा अल्प दिये जाने का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ा है। जहां प्रमाण पत्र में आय व पेन कार्ड जैसे नये प्रमाण पत्रों की संख्या बढ़ा दी थी, वहीं जिस आय प्रमाण पत्र को बनाने के लिए लोगों को 15 दिन का समय लग जाता है, वह एक सप्ताह के भीतर कैसे तैयार हो जायेगा, यह समझ से परे है। ऐसे में सरकार की इस स्कीम के कारण गरीब जनता को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। सरकार की योजना की सही जानकारी अभी अधिकारियों को भी नहीं है। उन्हें ही नहीं पता कि इस योजना में कौन से कागजात लगने हैं। वे अभ्यर्थियों को उन नियमों का पाठ पढ़ा रहे हैं, जिनकी सही से जानकारी भी उनके पास नहीं है। बाल विकास विभाग की अधिकारी शैला प्रजापति ने बताया कि वर्ष 2017 में ग्रामीण क्षेत्र के लिए तीन हजार व शहरी क्षेत्र के लिए 3500 का आय प्रमाण पत्र मांगे गये थे, जबकि अब यह प्रमाण नहीं बन पा रहे हैं। किसी भी अभ्यर्थी का यह प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। अभ्यर्थियों की यह समस्या सामने आ रही है। जिसको लेकर विभाग भी असमंजस की स्थिति में है।

सरकार की इस लापरवाही का खामियाजा जहां गरीब जनता भुगत रही है, वहीं कांग्रेस को भी हर बार की तरह बैठे-बिठाए मुद्दा मिल जाता है। अब कांगे्रस भाजपा सरकार को इस मुद्दे पर घेरने जा रही है। कांग्रेस पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि वर्ष 2012-13 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ई-डिस्ट्रिक पोर्टल को लांच किया। इस पोर्टल के माध्यम से आसानी से लोगों के प्रमाण पत्र जारी हो रहे थे, मगर वर्तमान सरकार की ऐसी बुद्धि भ्रष्ट हुई, जो उसने ऐसा पोर्टल बनाया, जिसमें लोगों को दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही हैं। कहा कि सरकार ने बिना तैयारी के इतना बड़ा कदम उठा लिया, जिसका खामियाजा गरीब वर्ग की जनता भुगतने को मजबूर है। सरकार की लापरवाही के चलते आज प्रदेश के नागरिकों को अपने प्रमाण पत्र बनाने के लिए सीएससी सेंटर से लेकर तहसील, पंचायती राज, जिला कार्यालय सहित सहित अन्य कार्यालयों में कार्य करवाने के लिए दर-बदर भटकना पड़ रहा है। बावजूद इसके कहीं भी जरूरी प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पा रहे हैं। जबकि सरकार ने दावा किया था कि अपनी सरकार नाम के पोर्टल से 71 प्रकार की सेवा जनता को मिलेगी। गत 17 नवंबर से आज तक जनता को यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर सरकार का ये पोर्टल है कहां। नेगी ने कहा कि राज्य सरकार ने दावा किया था कि इस पोर्टल के लांच होने के बाद जनता को कहीं भी भटकना नहीं पड़ेगा, मगर इसके ठीक उलट 19 दिन से इस पोर्टल की सेवाओं का कहीं भी अता पता नहीं है। तहसील स्तर पर भी सभी सेवाएं ठप पड़ी हैं। वहीं सरकार ने यह भी दावा किया था कि सात दिनों के अंतर्गत ऑनलाइन प्रमाण पत्रों को निर्गत कर देंगे, मगर यह बात भी सरकार की खोखली निकली और सरकार ने जल्दबाजी में ई-डिस्ट्रिक पोर्टल को भी बंद कर दिया है, जिससे इस सेवा के अंतर्गत जाति, आय, चरित्र, हैसियत, मूल निवास, सेवायोजन सहित राज्य सरकार के समस्त भुगतान, चालान, जीवन प्रमाण पत्र, कर्मचारी पेंशनर, वार्षिक विवरण, परिवार रजिस्टर, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र सहित कई महत्वपूर्ण प्रमाण पत्रों को बनाए जाने का कार्य अधर में लटका है।
