रूद्रप्रयाग के सुदूरवर्ती विद्यालय पूलन बाँगर में सम्पन्न हुआ विज्ञान कौथिग
रुद्रप्रयाग। बच्चों में विज्ञान की विभिन्न अवधारणाओं के प्रति समझ बढ़ाने के साथ-साथ रोजमर्रा के जीवन में विज्ञान कहाँ, कैसे, क्यों है, जैसे प्रश्नों के पीछे छुपे रहस्यों को उजागर करने की चेतना विकसित करने के प्रयासों के तहत रूद्रप्रयाग जनपद के सुदूरवर्ती राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पूलन बाँगर में विज्ञान शिक्षक पारकेश सिंह के मार्गदर्शन में विद्यालय के बच्चों ने एनसीईआरटी के कक्षा 6 से 10 तक के विज्ञान पाठ्यक्रम पर आधारित शिक्षण अधिगम सामग्री (टी एल एम) का निर्माण कर विज्ञान कौथिग का आयोजन किया। विद्यालय की प्रधानाध्यापक श्रीमती संगीता त्रिपाठी तथा रा०उ०प्रा०वि० पूलन बाँगर के प्रधानाध्यापक राजेन्द्र प्रसाद भट्ट ने माँ सरस्वती के चित्र के समझ दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

प्रधानाध्यापक श्रीमती संगीता त्रिपाठी ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो हम करके सीखते हैं वो ज्ञान स्थाई रहता है। उन्होंने कहा कि दैनिक जीवन में घटने वाली विभिन्न घटनाओं के पीछे भी विज्ञान के ही विभिन्न नियम होते हैं, जिन्हें समझ कर हम विज्ञान को और अच्छे तरीके से पढ़ सकते हैं। राजेन्द्र प्रसाद भट्ट ने कहा कि विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों के क्रिया कलापों को स्वयं करके सीखने में बच्चों को बड़ा आनंद आयेगा। ये क्रिया कलाप विज्ञान सीखने को सरल बनाने के साथ साथ उपयोगी भी बनाते हैं।

प्राकृतिक सुन्दरता से भरे इस खूबसूरत क्षेत्र में पहली बार आयोजित इस विज्ञान कौथिग में पूलन बाँगर विद्यालय के साथ साथ नजदीकी विद्यालयों ने भी भाग लिया। विज्ञान शिक्षक पारकेश सिंह के मार्गदर्शन में बच्चों ने लगभग दो दर्जन से अधिक मॉडल्स बनाने की विधियां सीखी। पुस्तकों में लिखी अवधारणाओं को माडल्स बनाकर प्रदर्शित करने का रोमांच बच्चों के मुख पर साफ झलक रहा था। बच्चे मॉडल्स को बनाते वक्त रोमांचित होकर, इन माडल्स के नियमों पर आधारित दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुओं की जानकारी भी एक दूसरे से साझा कर रहे थे। यह देखना सुखद था कि यदि बच्चों को मौके दिये जांय तो उनकी कार्य करने की क्षमता और उत्सुकता का कोई अंत नहीं होता। विज्ञान कौथिग का संचालन करते हुए विज्ञान शिक्षक पारकेश सिंह ने डायट रतूड़ा, रूद्रप्रयाग का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में विज्ञान की संचेतना पैदा करने के लिए यह कार्यक्रम काफी मददगार साबित हो रहा है।

डायट रतूड़ा के प्राचार्य और मुख्य शिक्षा अधिकारी रूद्रप्रयाग विनोद प्रसाद सिमल्टी ने इस आयोजन पर अपने संदेश में कहा कि बच्चों में विज्ञान के प्रति संचेतना बढ़ाने के साथ एन सी एफ 2005 के आलोक में करके सीखने की भावना द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करने में ऐसे कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होंगे। बताते चलें कि डायट रतूड़ा के अभिनव प्रयासों के तहत जिले के 14 विद्यालयों के शिक्षकों को कुछ समय पूर्व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा, रूद्रप्रयाग में एलायंस फॉर साइन्स नई दिल्ली के सहयोग से नवाचारी कार्यक्रम के अन्तर्गत, एन सी ई आर टी की कक्षा 6से 10तक की पुस्तकों के विभिन्न प्रकरणो पर मॉडल्स बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था। तत्पश्चात अध्यापकों द्वारा विद्यालयों में बच्चों को इन मॉडल्स को बनाना सिखाया गया। बच्चों ने अपने अध्यापकों की मदद से अपने पाठ्यक्रम के विभिन्न प्रकरणों पर ये मॉडल्स बनाकर अपने अन्य साथियों के समक्ष इनका प्रदर्शन और प्रस्तुतिकरण किया। क्षेत्र में पहली बार आयोजित इस विज्ञान कौथिग में बच्चों ने खूब रूचि ली।बच्चों ने बड़े आत्मविश्वास के साथ अपने अपने माडल्स को बनाने की सामग्री के साथ बनाने की विधि दर्शकों को बताते हुए, विज्ञान के उन नियमों की भी जानकारी दी जिसपर उनका मॉडल आधारित है। पूरी प्रक्रिया के दौरान यह महत्वपूर्ण बात रही कि बच्चों ने अपने साथियों के समक्ष अपने-अपने मॉडल्स का प्रस्तुतिकरण ऐसे किया, मानों कोई विषय विशेषज्ञ प्रकरण को पढ़ा रहा हो।
छात्रों द्वारा निर्मित कुछ प्रमुख मॉडल्स इस प्रकार से थे-

- गति का प्रथम नियम — कुo अनीशा कक्षा –10
- चुंबक का डांस — अजीत सिंह, आदित्य सिंह कक्षा –9
- चुंबकीय बल रेखाएं — कुo दीक्षा कक्षा –10
- विद्युत चुम्बक — कुo किरन कक्षा –10
- विद्युत मोटर — कुo स्नेहा, कुo शिवानी कक्षा –9
- चुंबकीय ट्रेन — कुo रिया कक्षा –9
- सतरंगी चकरी — सुनील सिंह, साहिल सिंह कक्षा –9
- पेरिस्कोप — कुo हिमांशी कक्षा –10
- प्रकाश का पथ— मनोज सिंह कक्षा –10
- प्रकाश का अपवर्तन — कुo रवीना कक्षा –10
- प्रकाश का परावर्तन — आयुष सिंह कक्षा –10
- आंख की कार्यप्रणाली — रोबिन सिंह, धर्मेन्द्र सिंह कक्षा –9
- सुचालक और कुचालक — अजीत सिंह कक्षा –10
- विद्युत परिपथ : श्रेणी क्रम — कुo डिम्पल कक्षा –10
- विद्युत परिपथ : समांतर क्रम — कुo किरन कक्षा –10
- अनंत पथ — कुo पायल कक्षा –10
- हमारा सौरमंडल — कुo अनामिका कक्षा –10
- कान की कार्यप्रणाली — कुo ललिता, कुo शीतल कक्षा –9
- कागज की आंख — कुo खुशी कक्षा –9
- पानी में मछली — कुo पल्लवी कक्षा –9
- फेफड़े का मॉडल — सागर सिंह कक्षा –9
- फेफड़े की कार्यप्रणाली — आयुष सिंह कक्षा –9
- खून का रिश्ता — कुo प्रोनिता कक्षा –9
- हृदय — कुo शिवानी कक्षा –9
- मानव कंकाल — नीरज सिंह कक्षा –9
- सूर्य, पृथ्वी, चंद्रमा और राशियों के तारामंडल — कुo अनुष्का कक्षा –9
इस अवसर पर प्रधानाध्यापक श्रीमती संगीता त्रिपाठी , पारकेश सिंह सo अo विज्ञान, कैलाश गोस्वामी सo अo अंग्रेजी, सचिन कुमार सo अo गणित, वासुदेव प्रसाद सo अo भाषा, गुमान सिंह कार्यालय सहायक, दिग्विजय सिंह प्रयोगशाला सहायक सहित राo उo प्राo विo पूलन बांगर के शिक्षक राजेंद्र प्रसाद भट्ट (प्रभारी प्रधानाध्यापक), नरेन्द्र प्रसाद सo अo विज्ञान, गणित सहित रा०उ०प्रा०वि० पूलन बाँगर के 30छात्र /छात्राओं द्वारा विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए बाल वैज्ञानिकों ने सम्बन्धित मॉडल के बारे में जानकारी लेते हुए अपनी जिज्ञासाओं से सम्बन्धित प्रश्न किये गये। इन बाल वैज्ञानिकों द्वारा प्रश्नकर्ताओं की जिज्ञासाओं का उत्तर दिया गया। प्रदर्शनी के समापन के अवसर पर विज्ञान अध्यापक और प्रदर्शनी के संयोजक पारकेश सिंह द्वारा छात्रों को वर्तमान समय में विज्ञान की बढ़ती उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।उन्होंने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा रूद्रप्रयाग के प्रवक्ता और विज्ञान सन्दर्भ व्यक्ति डॉ० विनोद कुमार यादव, जिनकी संकल्पना पर जनपद में विज्ञान कौथिग का यह नवाचारी कार्यक्रम प्रारंभ किया गया, का धन्यवाद ज्ञापित किया कि जखोली विकास खण्ड के सुदूरवर्ती विद्यालय पूलन बांगर को भी यह विज्ञान कौथिग आयोजित करने का मौका मिला। भाषा शिक्षक वासुदेव प्रसाद द्वारा बच्चों व दर्शकों के लिए मिष्ठान वितरण की व्यवस्था की गयी।









