तीर्थ पुरोहितों ने बाबा भैरवनाथ में लिये संकल्प को किया पूरा
केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ में तीन दिवसीय अनुष्ठान
बोर्ड भंग होने पर तीर्थ पुरोहितों ने लिया था संकल्प
2019 से 2021 तक चला था देवस्थानम बोर्ड,
रुद्रप्रयाग। विश्व विख्यात केदारनाथ धाम में देव स्थानम बोर्ड भंग होने को लेकर केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज ने लम्बे समय तक केदारनाथ में संघर्ष किया। उनका यह संघर्ष रंग भी लाया। उस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने बाबा भैरवनाथ में संकल्प लिया था कि देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर भैरवनाथ में धार्मिक अनुष्ठान किया जायेगा। अपने इस संकल्प को तीर्थ पुरोहितों ने मंगलवार को पूरा किया। भगवान केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक भैरव मंदिर में तीन दिवसीय पूजा-पाठ कार्यक्रम शुरू हो गया है। इन तीन दिनों में तीर्थ पुरोहितों की ओर से बाबा भैरवनाथ की पूजा-अर्चना के अलावा यज्ञ भी किया जायेगा।
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वर्ष 2019 में प्रदेश सरकार ने केदारनाथ में देव स्थानम बोर्ड का गठन करने का निर्णय लिया था, जिसके बाद केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों की ओर से इस बोर्ड के गठन होने पर भारी विरोध शुरू कर दिया। 2019 से लेकर 2021 तक इस बोर्ड के विरोध में तीर्थ पुरोहितों की ओर से लड़ाई लड़ी गई। इस आंदोलन में उत्तराखण्ड के चारों धामों की महापंचायत ने भी भाग लिया था। देव स्थानम बोर्ड को भंग करने के पीछे तीर्थ पुरोहितों का कहना था कि इसका गठन होने से उनके हक-हकूक प्रभावित होंगे। तीर्थ पुरोहितों और चार धाम महापंचायत के भारी विरोध के बाद सरकार को देव स्थानम बोर्ड का गठन करने के निर्णय को वापस लेना पड़ा। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम के क्षेत्र रक्षक बाबा भैरव नाथ में संकल्प लिया था कि अगर देवस्थानम बोर्ड भंग होता है तो वह भैरवनाथ में तीन दिवसीय पूजा-पाठ और हवन यज्ञ करेंगे। देव स्थानम बोर्ड के भंग होने और कोरोना महामारी के बाद यात्रा के विधिवत चलने के बाद मंगलवार से तीर्थ पुरोहितों ने अपना संकल्प पूरा करते हुये भैरव मंदिर में पूजा-पाठ शुरू कर दिया है। यह भी बता दें कि भैरवनाथ को भगवान केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक के रूप में पूजा जाता है और इन्हें केदारनाथ का अग्रवीर भी कहा जाता है। भैवनाथ मंदिर केदारनाथ से एक किमी दूर स्थित है।
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केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज के पूर्व अध्यक्ष पंडित विनोद प्रसाद शुक्ला ने कहा कि तीर्थ पुरोहितों ने संकल्प किया था कि देव स्थानम बोर्ड भंग होने पर भैरवनाथ मंदिर में तीन दिवसीय पाठ किया जायेगा। बाबा की कृपा से बोर्ड भंग हुआ और पुरोहितों की ओर से संकल्प पूजा की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि तीर्थ पुराहितों की मकान, दुकान आदि तोड़कर उनको प्रताड़ित किया गया तो, बाबा भैरवनाथ दंड देंगे।
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