कार्य बहिष्कार से चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं
उत्तराखंड क्रांति दल ने दिया आंदोलन को समर्थन
रुद्रप्रयाग। हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान देने समेत दो सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार नौंवे दिन भी जारी रहा। वहीं कर्मियों ने सीएमओ कार्यालय से विकास भवन तक रैली निकाली। वहीं मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सिंह पटवाल, चिकित्सा महासंघ के अध्यक्ष आशुतोष बेंजवाल, डिप्लोमा फार्मेसी एसोसिएशन के अध्यक्ष शशि भूषण गौड़ ने एनएचएम कर्मियों की मांगों को समर्थन दिया। बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों को समर्थन देने उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगत चौहान पहुँचे। उन्होंने कहा कि यूकेडी कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। सरकार को उनकी जायज मांगों का जल्द निस्तारण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यकेडी ने अपने मेनिफेस्टो में आउटसोर्सिंग एजेन्सी खत्म कर कर्मियों को विभागीय नियुक्ति देने के मसले को रखा है। मोहित डिमरी ने कहा कि आज आउटसोर्स एजेन्सी कर्मचारियों का शोषण कर रही है। समय पर उन्हें मानदेय नहीं मिल रहा है। जो मानदेय मिल भी रहा है, वह ऊंट के मुंह मे जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि उक्रांद हमेशा एनएचएम कर्मियों की लड़ाई में साथ है।

वहीं इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कारहोने से आम जनता को तकलीफ हो रही है। ऐसे में जिले में बाल स्वास्थ्य टीकाकरण, जननी सुरक्षा कार्यक्रम, कोविड टीकाकरण, कोविड सैंपलिग, किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम सहित सभी हेल्थ वैलनेस सेंटरों सहित इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो गई हैं। जिले में दो सौ के करीब एनएचएम कर्मचारी हैं, जो स्वास्थ्य महकमे में विभिन्न सेवाओं में लगे हुए हैं।
इस अवसर पर एनएचएम संगठन के जिलाध्यक्ष विपिन सेमवाल ने कहा कि हरियाणा की तर्ज पर ग्रेड वेतनमान लाभ एवं पर्वतीय राज्य आसाम की भांति 60 वर्ष की सेवा का लाभ देने तथा आउटसोर्स के माध्यम से की जा रही नियुक्तियों पर रोक लगाई जाए।
इस मौके पर संगठन के उपाध्यक्ष विपिन खन्ना, कोषाध्यक्ष कलम सिंह, डा. मनबर सिंह रावत, सुमन जुगरान, दीपक नौटियाल, विजय कुमार, नागेश्वर प्रसाद, जयवीर सिंह, मुकेश बगवाड़ी, हरीश चौधरी, पवन कुमार, उमेश जगवाण, रेखा जोशी, सुमन जुगरान ने कहा कि पिछले 17 वर्षो से स्वास्थ्य सेवाओं में पूरी ईमानदारी के साथ सेवाएं दी जा रही हैं। साथ ही कोविड महामारी के दौरान जहां कर्मचारियों ने दिन-रात कार्य किया, वहीं कोरोना से कई कर्मचारी प्रभावित भी हुए। इसके बावजूद भी कर्मचारियों ने कार्य किया। मांगों पर कार्रवाई न होने से कर्मचारियों में रोष है।
