संस्कृत भाषा को बचाने के लिए सभी को आगे आने की जरूरत: शिवानंद
महाविद्यालय रुद्रप्रयाग में वैदिक मंगलच्चारण के साथ संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ
रुद्रप्रयाग। स्वामी सच्चिदानंद वेद भवन संस्कृत महाविद्यालय रुद्रप्रयाग में वैदिक मंगलच्चारण के साथ संस्कृत सप्ताह का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर प्रदेश की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रचार-प्रसार एवं घर-घर तक पहुंचाने का आह्वान किया गया।
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संस्कृत महाविद्यालय रुद्रप्रयाग परिसर में आयोजित संस्कृत सप्ताह का महाविद्यालय के प्रबंधक ओमप्रकाश भट्ट, अध्यक्ष स्वामी धर्मानंद महाराज, उपाध्यक्ष महंत शिवानंद गिरी महाराज एवं महाविद्यालय के प्रधानाचार्य शशि भूषण बमोला ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। महंत शिवानंद गिरी महाराज ने कहा कि पौराणिक सभी वेद ग्रंथ संस्कृत में लिखे गए हंै। संस्कृत भाषा को बचाने के लिए सभी को आगे आने की जरूरत है। प्रधानाचार्य शशि भूषण बमोला ने कहा कि संस्कृत को प्रदेश की द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है। संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए सरकारें भी प्रतिबद्ध हैं। ऐसे में संस्कृत भाषा को घर-घर तक ले जाने की जरूरत है। ताकि संस्कृत का प्रचार प्रसार हो सके। इसके लिए विद्यालय के छात्रों को भी आगे आने की जरूरत है। महाविद्यालय के छात्रों ने वैदिक मंगलच्चारण के साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रम में संस्कृत अंताक्षरी, संस्कृत श्लोकोच्चारण, वाद-विवाद प्रतियोगिता, संभाषण प्रतियोगिता, संस्कृत स्लोगन का आयोजन किया जाएगा। साथ ही संस्कृत के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाएगा। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रधानाचार्य शशि भूषण बमोला, जयप्रकाश गौड, देवी प्रसाद, सुखदेव सिलोड़ी, प्रवीण सती, कुलदीप डिमरी समेत कई छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
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