स्वतंत्रता दिवस पर मेडिकल कॉलेज में पर्यावरण के प्रहरी पर्यावरणविद् जगत सिंह चौधरी जंगली जी का हुआ सम्मान
15 अगस्त पर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्रों ने गायी पहली बार गढ़वाली सरस्वती वंदना
शिक्षक संदीप रावत जी द्वारा रचित गढ़वाली सरस्वती वंदना से रूबरू हुए एमबीबीएस छात्र
बेहतर कार्य करने वाले डॉक्टर एवं कर्मचारी हुए सम्मानित
प्राचार्य डॉ. रावत जी बोले, जंगली जी के मिश्रित वन के शैक्षणिक भ्रमण पर जायेगे एमबीबीएस छात्र
श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं बेस चिकित्सालय श्रीनगर में 15 अगस्त को धूमधाम-हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मेडिकल कॉलेज में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राष्ट्रगान की धुन के साथ ध्वजारोहण किया गया। मेडिकल कॉलेज ने 15 अगस्त पर पर्यावरण के प्रहरी एवं इंदिरा गांधी वृक्ष मित्र पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद जगत सिंह चौधरी जंगली जी एवं गढ़वाली में सरस्वती वंदना गायन कराने वाले शिक्षक संदीप रावत जी का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में पहुंचे मुख्य अतिथि ग्रीन एम्बेसडर आफ उत्तराखंड एवं उत्तराखंड गौरव पर्यावरणविद् जगत सिंह चौधरी जंगली जी ने कहा कि पर्यावरण के बीच रहना है तो प्रकृति प्रिय बनना होगा। जो पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए जरूरी है। कहा कि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत जी द्वारा उन्हें मेडिकल कॉलेज में 15 अगस्त पर बुलाने पर वह अपने आप को गौरान्वित महसूस कर रहे है।
जंगली ने कहा कि एमबीबीएस करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह धरती के दूसरे भगवान के रूप में सेवाएं देंगे और जो भगवान बनाने के लिए बच्चों को जो पढ़ा रहे है वह भी बधाई के पात्र है। उन्होंने कहा कि भगवान रूपी डॉक्टर द्वारा जो इलाज व सेवा मरीज को दी जाती है वह पूरे जीवन भर मरीज याद रखता है। विशिष्ट अतिथि शिक्षक संदीप रावत ने कहा कि गढ़वाली बोली में अमर शहीदों की याद में शानदार प्रस्तुति दी। इसके साथ एमबीबीएस छात्रों के साथ गढ़वाली सरस्वती वंदना के साथ दिया। उन्होंने गढ़वाली सरस्वती वंदना को गाये जाने पर एमबीबीएस छात्रों को बधाई दी। कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि पर्यावरणविद जगत सिंह चौधरी जंगली जी के कारण आज देश में मिश्रित वन लगाने की पहल शुरु हो रही है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी भी मिश्रित वन लगाने की बात कर चुके है, जो कि एक गौरव की बात है।
प्राचार्य डॉ. रावत जी ने कहा कि आज जिस तरह से वनों के क्षरण के कारण पर्यावरण असंतुलित व प्राकृतिक आपदाएं हो रही है। जिससे मानव, पशु क्षति के साथ ही खेल-खलियान क्षतिग्रस्त हो रहे है। प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए मिश्रित वन से क्या सतत लाभ होता है, इसका अध्ययन हेतु 15-15 बैच में एमबीबीएस छात्र-छात्राएं हर माह अध्ययन के लिए जंगली जी के मिश्रित वन का शैक्षणिक भ्रमण करेगे। इस मौके पर युवा संसद वैज्ञानिक देव राघवेन्द्र बद्री ने कहा कि हम प्रकृति की रक्षा और सम्मान करेगे तो प्रकृति भी हमारी रक्षा करेगी। कहा कि भारत देश से आज पर्यावरण संरक्षण के लिए अन्य देश भी सीख रहे है।
कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण मानव के ब्रेन में भी असर की पुष्टि रिसर्च में हुई है। जिससे मानसिक स्वास्थ्य में इसका असर देखने को मिल रहा है। इसलिए ग्लोबल वार्मिंग से लड़ना कितना महत्वपूर्ण हो गया है। इस लिए पर्यावरण बचाना है तो हम सभी को एक पेड़ देश के नाम और एक पेड़ अपने भविष्य के नाम जरूर लगाना चाहिए। इसलिए मौके पर मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी एवं एमबीबीएस छात्र-छात्राओं ने विभिन्न प्रस्तुतियां भी दी। इस मौके बेस चिकित्सालय के एमएस डॉ. रविन्द्र बिष्ट, वित्त नियंत्रक प्रवीन कुमार बडोनी, डॉ. विनीता रावत, डॉ. सुरेन्द्र सिंह, डॉ. नवज्योति बोरा, डॉ. जानकी बर्त्वाल, डॉ. पवन बट्, डॉ. दीपक द्विवेदी, मनोज रावत सहित तमाम फैकल्टी व कर्मचारी मौजूद थे।
डॉक्टर, छात्र, कर्मचारी हुए सम्मानित-
स्वतंत्रता दिवस की बेला पर बेहतर कार्य करने वाले एनेस्थिसिया विभाग के एपी डॉ. मोहित, सर्जरी विभाग के डॉ. हरि सिंह, नर्सिंग आफिसर रजनी पांडेय, मोर सिंह, एमएसडब्ल्यू विजय प्रकाश जमलोकी, लैब टैक्नशियन कमल पारछा, काउंसलर विजयलक्ष्मी, मनमोहन, माली चन्द्र प्रकाश, अटेंडेंट प्रवीन कुमार, वाहन चालक मनोज गुंसाई सम्मानित हुए। जबकि एमबीबीसी परीक्षाओं में बेहतर अंक लाने पर बेच 2018 से बेच 2021 के छात्र आशीष, मा. उमैर, अभिषेक, अर्पणा, हार्दिक, मृणाल, सोनाली, शिविका, मृदुला, कशिश, अंजली, अवनीत कौर को सम्मानित किया गया।
जंगली ने कर्नाटक से लाये चंदन का पौधा रोपा-
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम संपंन होने के बाद पर्यावरणविद जगत सिंह चौधरी ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत, एमएस डॉ. रविन्द्र सिंह बिष्ट व कर्मचारियों के साथ परिसर में कर्नाटक से लाये गये चंदन एवं पारिजात का पौधा रोपा। जंगली ने रोपे गये पौधे के संरक्षण की जिम्मेदारी कॉलेज परिवार को दी। कहा कि मेडिकल कॉलेज परिसर आज पूरी तरह से हराभरा है, जो अच्छा प्रयास है।