तिलवाड़ा में विद्यालय प्रबन्धन समितियों का प्रशिक्षण शुरू
रुद्रप्रयाग। संकुल स्तरीय सामुदायिक सहभागिता प्रशिक्षण के द्वितीय दिवस पर अभिभावकों को संबोधित करते हुए हुए राउप्रावि डांगी गुनाऊ के प्रधानाध्यापक हेमंत चैकियाल ने कहा कि बच्चे की प्रथम शिक्षक के रूप में माता की बहुत बड़ी जिम्मेदारी कोरोना जैसी महामारी के सन्दर्भ में बढ़ गई है। उन्होंने प्रशिक्षण में अध्यापकों तथा अभिभावकों से कहा कि विद्यालय प्रबन्धन समिति पर विद्यालय के विकास की एक बड़ी जिम्मेदारी है। ये जिम्मेदारी तभी सार्थक हो सकती है, जब अध्यापकों और अभिभावकों के बीच विद्यालय विकास के लिए निरन्तर संवाद और चिंतन-मनन चलता रहे। प्रशिक्षण के मुख्य सन्दर्भदाता अरविंद बेंजवाल ने प्रशिक्षणार्थियों को विद्यालय प्रबन्धन समिति के अधिकारों और कर्तव्यों की जानकारी दी। पोला जूनियर विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुरेन्द्र सिंह गुसाईं ने नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के अनूप शुक्ला ने सदस्यों को विद्यालय प्रबन्धन समिति की भूमिका के विभिन्न स्तरों की विस्तार से जानकारी प्रदान की। ग्राम पंचायत गुनाऊ के प्रधान बृजभूषण वशिष्ठ ने जोर देते हुए कहा कि हमें पुनः बच्चों को अपनी सभ्यता और संस्कृति के अनुरूप शिक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि वैदिक और सनातन संस्कृति विशुद्ध रूप से वैज्ञानिक पद्धति का अनुसरण करके पल्लवित और पुष्पित हुई है। इस अवसर पर संकुल तिलवाड़ा के समन्वयक धीरेन्द्र भण्डारी, राउप्रावि कर्णधार की प्रधानाध्यापिका पूर्णी नेगी, भगत सिंह राणा, नीलम बिष्ट, लक्ष्मी गिरी, राजेश कुमार सहित संकुल के विद्यालयों की प्रबन्ध समिति के सदस्य उपस्थित थे।
