सनातन परम्पराओं के निर्वहन में कांचीकामकोटि पीठ की अहम भूमिका: डॉ रावत
श्री विजय गणपति मंदिर का तीन दिवसीय भव्य महाकुंभाभिषेक विधि-विधान से संपंन
रूद्रप्रयाग। श्रीकांची कामकोटि शंकरा अस्पताल रतूड़ा उत्तरकांची परिसर में स्थित श्री विजय गणपति मंदिर का तीन दिवसीय भव्य महाकुंभाभिषेक वैदिक विद्धानों के आर्यात्व में वैदिक विधि-विधान से संपंन हो गया है। तीन दिवसीय महाकुंभाभिषेक के समापन समारोह अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि प्रदेश के स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित सनातन परम्पराओं के निर्वहन एवं समृद्धि में सर्वज्ञपीठ कांचीकामकोटि पीठ कांचीपुरम तामिलनाडू की भूमिका सर्वोत्कृष्ट रही है। उन्होंने कहा कि पीठ के वर्तमान आचार्य परम्परा की मूल पीठ पूरे राष्ट्र को नौतिक, सामाजिक, शैक्षणिक, आध्यात्मिक के साथ ही सांस्कृतिक रूप से एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य रही है।
कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चैधरी ने श्रीकांची शंकरा अस्पताल रतूड़ा उत्तरकांची द्वारा विगत 36 वर्षो से दी जा रही धर्मार्थ चिकित्सा सेवाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उत्तरकांची परिसर में वैकल्पिक चिकित्सा सेवाओं के अभिनव तंत्र को विकसित करने की पहल पर भी जोर दिया। इस अवसर पर एचएचजेएसएस गोल्डन जुबली ट्रस्ट रतूड़ा परियोजना के वरिष्ठ सदस्य सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण कुमार एवं प्रबंध न्यासी के स्वामीनाथ ने कहा कि पीठ के वर्तमान शंकराचार्य स्वामी विजयेन्द्र सरस्वती उक्त परिसर को धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र के रूप में विकसित किये जाने के साथ ही, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव पहल की मंशा जाहिर कर चुके है। उन्होंने कहा कि परियोजना को वृहद आकार देने और क्रमिक विकास के लिए समिति के सदस्य शिव शंकरन को नामित किया गया। वहीं व्यवस्थागत एवं आर्थिक समन्वय के लिए आनंद एवं श्रीराम दो सदस्यों को जिम्मेदारी दी गई। इस मौके पर शंकराचार्य अस्तपाल के स्थानीय समिति के सदस्य मुरली सिंह एवं वरिष्ठ पत्रकार श्याम लाल सुंदरियाल द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं धार्मिक एवं आध्यात्मिक क्षेत्र में अभिनव पहल करने पर कोटेश्वर के मंदिर के मंहत शिवानंद महाराज एवं नंदा देवी राजजात नौटी के महासचिव भुवन नौटियाल, सामाजिक क्षेत्र में प्रधान रतूड़ा लीला देवी, राजेन्द्र नेगी, पीताम्बर थपलियाल, राजेन्द्र लाल शाह, डॉ. हेमावती पुष्पवाण और शिक्षक सत्येन्द्र भंडारी को सम्मानित किया गया। इस मौके पर राकेश भंडारी, विनोद खंडूडी, लक्ष्मण सिंह रावत आदि मौजूद थे।