भरदार पट्टी के डुंग्री गांव में पांडव नृत्य की धूम
धियाणियां एवं ग्रामीण ले रहे आशीर्वाद, तीस दिसम्बर को होगा समापन
रुद्रप्रयाग। भरदार क्षेत्र के डुंग्री गांव में चल रहे पांडव नृत्य की इन दिनों धूम मची हुई है। रविवार को पांडवों ने देव निशानों के साथ अलकनंदा नदी के किनारे गंगा स्नान किया। इस दौरान नृत्यकर भक्तों को आशीर्वाद भी दिया। लगभग पांच वर्षो बाद हो रहे पांडव नृत्य को लेकर प्रवासी व धियाणियां भी बड़ी संख्या में गांव पहुंची हुई है। तीस दिसम्बर को फल वितरण के साथ पांडव नृत्य का विधिवत समापन किया जाएगा।

गत 19 नवम्बर से जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत डुंग्री में चल रहे पांडव नृत्य में प्रतिदिन देवताओं के आह्वान के साथ ही पांडव अस्त्र शस्त्रों के साथ नृत्य कर रहे है। पांडव नृत्य का लोगों द्वारा देर रात तक आनंद उठाया जा रहा है। धियाणियां एवं ग्रामीण देवताओं एवं पांडवों के दर्शन कर भेंट भी अर्पित कर रहे है तथा भगवान से अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी कर रहे हैं। रविवार को विनसर, हीत, नागराजा, मठियाणा देवी, घंडियाल, शंकरनाथ समेत कई देव निशान एवं पांडवों के अस्त्र शस्त्रों व वाद्य यंत्रों के साथ अलकनंदा नदी के तट पर पहुंचे। अलकनंदा नदी के तट पर देव निशानों के गंगा स्नान के बाद ग्रामीणों ने खुद स्नान किया। इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। गंगा स्नान के देव निशान व पांडवों के अस्त्र शस्त्रों की पूजा अर्चना व हवन किया गया। इसके बाद देव निशान डुंग्री गांव के लिए रवाना हुए। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर देवताओं ने भक्तों को आशीष भी दिया। सोमवार को नौगरी के कौथिग (गांव घूमने की परम्परा) के दौरान ग्रामीणों ने पांडवों के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान भी बनाए जाएंगे। सर्वप्रथम पांडवों के लिए बनाए गए पकवान देवताओं को अर्पित किए जाएंगे। 29 दिसम्बर को गेंडा कौथिग व सिरोता एवं 30 दिसम्बर को फल वितरण के साथ पांडव नृत्य का समापन किया जाएगा। पांडव नृत्य देखने के लिए डुंग्री के साथ ही दरमोला, जवाड़ी, रौठिया, स्वीली, सेम समेत आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे रहे है। इस अवसर पर ग्रामीण कुलदीप रावत, रघुवीर सिंह, देव सिंह, रणजीत सिंह, अवतार सिंह, गजे सिंह, कमल सिंह, समेत बड़ी संख्या ग्रामीण उपस्थित थे।
