एसबीआई के तर्क को माकपा ने बताया हास्यापद
धरना देकर भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन को भेजा ज्ञापन,
ऊखीमठ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) ने भारतीय स्टेट बैंक की ऊखीमठ शाखा के बाहर धरना दिया। उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न मानने पर रोष व्यक्त किया। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन को ज्ञापन भेजा।
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मंगलवार को माकपा के जिला मंत्री वीरेंद्र गोस्वामी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने नगर मुख्यालय स्थित एसबीआई शाखा के बाहर धरना दिया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने 15 फरवरी 2024 को इलेक्टोरल बॉन्ड की योजना को असंवैधानिक घोषित किया है। साथ ही एसबीआई को 6 मार्च तक राजनैतिक पार्टियों को 12 अप्रैल 2019 से अब तक प्राप्त इलेक्टोरल बॉन्ड का ब्योरा केंद्रीय निर्वाचन आयोग को सौंपने के निर्देश दिए हैं, लेकिन इलेक्टोरल बांड का ब्यौरा केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपने की तारीख से ठीक दो दिन पहले बैंक में उच्च न्यायालय में कहा कि नियत तिथि तक यह ब्यौरा सार्वजनिक नहीं कर सकता है। इसके लिए 30 जून का समय दिया जाए। उन्होंने इस तर्क को हास्यास्पद और अस्वीकार्य बताया। कहा कि देश की सबसे बड़ी वित्तीय संस्थान एक राजनैतिक पाटी के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए उच्चतम न्यायालय की अवमानता की हद तक चला गया है। जो एक गंभीर विषय है। इस मौके पर पूर्व जिला मंत्री राजाराम सेमवाल, सुरेंद्र लाल, बसंत लाल, नीलम देवी, धर्म सिंह समेत अन्य मौजूद थे।
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