790 ग्राम वजन के जन्में शिशु को बेस अस्पताल में मिला जीवनदान
57 दिनों तक बाल रोग विभाग के डॉक्टरों की निगरानी में नवजात का हुआ इलाज
रूद्रप्रयाग से रेफर होकर बेस चिकित्सालय पहुंचा था नवजात
इलाज के बाद नवजात शिशु का वजन बढ़ा डेढ़ किलो वजन
बच्चा स्वस्थ होने के बाद हुआ डिस्चार्ज, परिजनों ने जताया डॉक्टरों का आभार
श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज के बेस चिकित्सालय में समय से पहले जन्में एक नवजात को बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने नया जीवनदान दिया है। नवजात रूद्रप्रयाग जिले से रेफर होकर पहुंचा था, जिसे बेस चिकित्सालय के नीक्कू वार्ड में बाल रोग विभाग के एचओडी डॉ. व्यास कुमार राठौर की निगरानी में भर्ती कराया गया। शिशु साढ़े छह माह में ही जन्मा था, जिसका वजन मात्र 790 ग्राम ही था और तरह तरह की नवजात के शरीर में कमियां पायी गई थी, किंतु बाल रोग के डॉक्टरों की मेहनत से नवजात का वजन डेढ़ किलो बढ़ने के साथ ही अन्य कमियां ठीक हो पायी। जिसके बाद परिजन शिशु को अस्पताल से घर ले गये। परिजनों ने शिशु को बचाने पर डॉक्टरों का आभार प्रकट किया।
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बेस चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के एचओडी प्रो. व्यास कुमार राठौर ने बताया कि रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ क्षेत्र की राजेश्वरी देवी ने रूद्रप्रयाग जिला अस्पताल में साढ़े छह माह के शिशु को जन्म दिया था। शिशु का वजन कम होने पर शिशु को बेस चिकित्सालय में लाया गया। शिशु का जन्म वैसे 37-40 सप्ताह के बीच होना चाहिए। किंतु यह शिशु 27 सप्ताह में हो गया था। शिशु जब निक्कू वार्ड भर्ती कराया गया तो शिशु में सांस लेने की दिक्कते से लेकर खून की कमी सहित कई दिक्कतें आ रही थी, लगभग 57 दिनों तक चले इलाज के बाद शिशु स्वस्थ है और मां का दूध भी पी रहा है। जबकि डेढ़ किलो वजन पहले से बढ़ा है। जिसके बाद परिजन शिशु को घर ले गये। डॉ. रौठार ने बताया कि चिकित्सालय में बेहतर नीक्कू वार्ड बनने के बाद यहां इलाज संभव हो पाया है। इसके लिए प्रदेश के मा. चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जी का आभार प्रकट करते है, जिनकी सतत् मेहनत व मॉनिटरिंग से आज बेस चिकित्सालय में उच्च क्वालिटी के वेंटीलेटर व अन्य उपकरण व दवाइयों के साथ साथ रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। जिससे बच्चों के इलाज की सुविधा मिल रही है।
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नवजात के 57 दिनों चले इलाज में डॉ. व्यास के साथ डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. तृप्ति श्रीवास्वत, डॉ. मोनिका जसल, डॉ. संकेत, डॉ. मिनाक्षी सहित पीजी छात्र व नर्सिंग स्टाफ का सहयोग रहा। वर्तमान में पीडियाट्रिक विभाग में चार पीजी छात्र प्रतिवर्ष प्रवेश लेते हैं। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. सी. एम. एस. रावत ने विभागाध्यक्ष डा. व्यास व पूरी पीडियाट्रिक विभाग की टीम को सतत् मेहनत को बधाई दी है। यह श्रीनगर मेडिकल कालेज की नई टीम की उर्जा व विश्वास का परिणाम है। बेस अस्पताल के एमएस डॉ. रविन्द्र बिष्ट ने बाल रोग विभाग के डॉक्टरों की इस सफलता पर पूरी टीम को बधाई दी। कहा कि गढ़वाल क्षेत्र के शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए बाल रोग विभाग आज अच्छी सेवा देकर अस्पताल का नाम रोशन कर रहे है।
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स्वस्थ बच्चे के लिए मां को पौष्टिक आहार जरूरी-
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. व्यास कुमार राठौर ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को इस दौरान पोषण का विशेष ध्यान रखना चाहिए, नियमित बेहतर पौष्टिक आहार एवं आयरन-कैल्शियम की गोलियां खानी चाहिए। खून की कमी होने, रक्तचाप बढ़ा होने या पुरानी बीमारी होने पर समय-समय पर चेकअप के लिए डॉक्टर के पास आना चाहिए। अल्ट्रासाउंड सहित अन्य जांचे होनी चाहिए। ताकि प्रसव के दौरान बच्चा स्वस्थ हो सके। डॉ. राठौर ने बताया कि बेस चिकित्सालय के नीक्कू वार्ड में अभी 25 शिशु भर्ती है। जिसमें 10 बच्चे समय से पहले जन्मे है। जिनका भी इलाज चल रहा है।
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