रक्षाबंधन पर्व पर वृक्षों का रोपण कर दिया संदेश
भौंसारी गदेरे में बहनों ने की जल स्त्रोतों की सफाई
अब तक फाउंडेशन से जुड़ी महिलाएं कर चुकी हैं साढ़े तीन हजार पौंधों का रोपण
रुद्रप्रयाग। जलागम संवर्द्धन एवं संरक्षण समूह की बहनों ने भौंसारी वाटरशेड फाउंडेशन के सहयोग से भौंसारी गदेरे के जलागम क्षेत्र में जल स्रोतों की सफाई की। इस मौके पर फाउंडेशन ने संचालित कार्यक्रमों का विस्तार करते हुए हरियाली डांडा से अलकनन्दा तक जलागम क्षेत्र को शामिल किया गया। फाउंडेशन से जुड़ी महिलाओं की ओर से अब तक आगर से लेकर कोठगी तक साढ़े तीन हजार से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं, जबकि गुरुवार को रक्षाबंधन के पावन पर्व पर ग्राम जलागम समिति भटवाड़ी की महिलाओं ने अपने क्षेत्र में कार्यक्रम के मुख्य स्तम्भ शिक्षक एवं पर्यावरण प्रेमी सतेंद्र सिंह भण्डारी के नेतृत्व में बांज के 300 पौधों का रोपण किया।




इस अवसर पर महिलाओं ने कहा कि पर्याप्त वर्षा वाले पहाड़ों में वर्षाजल के संग्रहण व उचित प्रबंधन से जल का संकट कम किया जा सकता है। रुद्रप्रयाग के पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने छोटे गदेरों के जलागम क्षेत्रों में हरियाली की सघनता बढ़ाकर और जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण कर, बहते पानी को रोकने और भूजल के रूप में संग्रहीत करने की इस कार्ययोजना का 2019 में शुभारंभ किया था। इसके लिए पिछले दो सालों से रेल विकास निगम ऋषिकेश द्वारा कुछ धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसी से कार्यक्रम को गति दी जा रही है। दो वर्ष पहले पूर्व जिलाधिकारी वन्दना सिंह ने भी यहां का स्थलीय निरीक्षण किया और इसे अत्यंत उपयोगी बताते हुए जल संरक्षण-संवर्द्धन न्यास के अनुरोध पर कार्यक्रम का विस्तार निचले हिस्से में अलकनन्दा तक करने की स्वीकृति प्रदान की थी। उनके निर्देश पर मनरेगा में 37.70 लाख की कार्ययोजना पर विकासखण्ड अगस्त्यमुनि की ओर से भी कार्य शुरू किया गया। निचले क्षेत्र में भी फाउंडेशन द्वारा ग्राम जलागम समितियों का गठन कर उनकी सहभागिता से सभी कार्यों को करने का अनुरोध खण्ड विकास अधिकारी से किया गया है। करीब नौ किमी लम्बे भौंसारी गदेरे का जलागम क्षेत्र भी लगभग 10 वर्ग किमी है। इसका बड़ा भाग चट्टानी और हिंसक जंगली जानवरों वाला है। इसलिए जलागम संरक्षकों व ग्राम जलागम समितियों की अध्यक्ष एवं सदस्यों का दुर्घटना बीमा किया जाना जरूरी है। इसे भी रेल विकास निगम ऋषिकेश के आर्थिक सहयोग से पूरा किया गया है। अभी तक 8 अध्यक्ष, 45 सदस्य और 16 जलागम संरक्षक कार्यकर्ताओं का 5-5 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कर दिया गया है। एक महिला का तकनीकी कारणों से बीमा नहीं हो पाया है, जबकि 4 नई जलागम समितियों द्वारा मनोनीत 8 जलागम संरक्षक बहनों को भी 2,250 प्रतिमाह का मानदेय भेजने की व्यवस्था की गई है, जो सितम्बर माह से भेजा जाएगा।
