कल शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में विराजेंगे बाबा तुंगनाथ
कई वर्षो बाद होने जा रहा है मक्कूमठ में सै भोज
ऊखीमठ। तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंच गयी है। कल भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुंड से रवाना होकर अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ आगमन पर लगभग कई वर्षों बाद सै भोज का आयोजन किया जायेगा तथा चार नवम्बर से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधि-विधान से शुरू होगी।
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गुरूवार को तुंगनाथ यात्रा के अहम पडाव चोपता में ब्रह्म बेला पर विद्वान आचार्यों ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाये सम्पन्न कर भगवान तुंगनाथ सहित सभी देवी-देवताओं का आवाहन किया तथा ठीक नौ बजे प्रातः भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भनकुण्ड के लिए रवाना हुई तथा भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के बनियाकुण्ड, दुगलविट्टा, मक्कूबैण्ड, हूण्हू व बनालोली पहुंचने पर ग्रामीणों व भक्तों द्वारा लाल-पीले वस्त्र अर्पित कर मनौती मांगी तथा अनेक प्रकार की पूजा सामाग्रियो से अघ्र्य लगाकर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। प्रबंधक बलवीर नेगी ने बताया कि भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के बनातोली आगमन पर ग्रामीणों द्वारा परम्परानुसार सामूहिक अघ्र्य लगाकर क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। डोली प्रभारी प्रकाश पुरोहित ने बताया कि शुक्रवार को भगवान तुंगनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में सै भोज की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी है तथा ग्रामीणों में भारी उत्साह बना हुआ है। इस मौके पर अतुल मैठाणी, अजय मैठाणी, विनोद मैठाणी, उमेश मैठाणी, आजाद खत्री, चन्द्रमोहन बजवाल, दलीप सिंह नेगी, मनोज नेगी सहित देश-विदेश के श्रद्धालु, मन्दिर समिति के अधिकारी, कर्मचारी, हक-हकूकधारी व हूण्डू व काण्डा सहित विभिन्न गांवों के सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।
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