शास्त्री के नाम से जाना जायेगा राइंका मयकोटी
सीएम की घोषणा के बाद ग्रामीणों में खुशी की लहर,
ग्रामीणों ने युवा ग्राम प्रधान के अथक प्रयासों को सराहा,
चंदा एकत्रित कर श्याम वशिष्ट ने किया था 15 अगस्त 1948 को स्कूल का निर्माण,
रुद्रप्रयाग। राजकीय इंटर कॉलेज जवाहरनगर मयकोटी का नाम विद्यालय के संस्थापक स्वर्गीय श्याम वशिष्ट शास्त्री के नाम से किए जाने की घोषणा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की है। उन्होंने बीते दिनों अगस्त्यमुनि में आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की। सीएम की घोषणा के बाद क्षेत्र की जनता ने ग्राम प्रधान अमित प्रदाली के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया।
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बता दें कि मयकोटी क्षेत्र की जनता लम्बे समय से राइंका मयकोटी का नाम विद्यालय के संस्थापक स्वर्गीय श्याम वशिष्ट शास्त्री के नाम से किए जाने की मांग कर रही थी। ग्रामीणों की मांग पर गंभीरता से कार्य करते हुए ग्राम प्रधान अमित प्रदाली ने काबीना मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा तथा केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के माध्यम से सीएम पुष्कर सिंह धामी के समक्ष यह मांग रखी। सीएम धामी ने बीते दिनों अगस्त्यमुनि में आयोजित कार्यक्रम में राइंका मयकोटी का नाम विद्यालय के संस्थापक स्वर्गीय श्याम वशिष्ट शास्त्री के नाम से किए जाने की घोषणा की। सीएम की घोषणा के बाद से क्षेत्र की जनता में खुशी बनी हुई है।
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ग्रामीणों ने युवा प्रधान अमित प्रदाली के अथक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि क्षेत्र के युवा प्रधान ग्रामीण क्षेत्र का विकास करने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य कर रहे हैं। श्याम वशिष्ट ने स्कूल की स्थापना को लेकर लम्बा संघर्ष किया। उनके संघर्षो की बदौलत ही आज क्षेत्र में शिक्षा की अलख जग रही है। उनके नाम से स्कूल का नाम किये जाने से उन्हें एक सच्ची श्रद्धांजलि दी जायेगी। युवा ग्राम प्रधान अमित प्रदाली ने कहा कि विद्यालय की स्थापना के लिए श्याम वशिष्ट ने तन, मन एवं धन से प्रयास किया। उनके संघर्ष के परिणाम क्षेत्र में शिक्षा का केन्द्र स्थापित हो पाया। तत्कालीन समय में विकट भौगोलिक परिस्थितियां होने के चलते दूर-दूर तक नागपुर क्षेत्र में विद्या का कोई साधन नहीं था। उस समय श्याम वशिष्ट शास्त्री ने क्षेत्र में जागरूकता फैलाई और चंदा एकत्रित कर 15 अगस्त 1948 को मयकोटी में जूनियर हाईस्कूल की स्थापना की, जो बाद में इंटर काॅलेज में उच्चीकृत हुआ। स्व श्याम वशिष्ट के पुत्र शम्भू प्रसाद वशिष्ट ने कहा कि उनके पिता का स्कूल की स्थापना को लेकर अहम योगदान रहा है। उनके नाम से स्कूल का नाम रखे जाने से उन्हें एक सच्ची श्रद्धांजलि मानी जाएगी।
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