औण के ग्रामीणों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
आपदा की डर से रुद्रप्रयाग के औण गांव के ग्रामीणों ने गांव किया खाली
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे रेल परियोजना औण गांव के लिए बना खतरा
गांव के पीछे पहाड़ी से गिर रहे हैं बड़े-बड़े बोल्डर
ग्रामीणों का आरोप, टनल में विस्फोट होने से पहाड़ी से गांव में आ रहे हैं बोल्डर
रुद्रप्रयाग। जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग के निकटवर्ती औंण गांव के ग्रामीणों ने आपदा की डर से गांव खाली करना शुरू कर दिया है। पांच परिवार अपना बौरिया-बिस्तर बांधकर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गये हैं। गांव में बचे हुये परिवार भी पलायन की तैयारी कर रहे हैं। गांव के पीछे की पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिर रहे हैं। जिस कारण गांव को खतरा पैदा हो गया है और ग्रामीण दहशत में अपने दिन काट रहे हैं। ग्रामीणों के सामने यह भी दिक्कत हो गई है कि वह कहां जाएं। फिलहाल, ग्रामीण स्वयं के खर्चे पर बाजार में किराये के घरों में शरण ले रहे हैं।

बता दें कि दो दिन पहले औण गांव के पीछे की पहाड़ी से भारी-भरकम बोल्डर आ गया था। बोल्डर गिरने से ग्रामीणों के खेत-खलिहानों के अलावा एक आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गया था। बोल्डर ने एक घर की पीछे की दीवार को पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था। घटना की सूचना मिलने के बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी और प्रभावित परिवार को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा था। अब लगातार हो रही तेज बारिश के कारण गांव को और अधिक खतरा पैदा हो गया है। गांव के पीछे पहाड़ी से अब लगातार बड़े-बड़े बोल्डर गिरने लगे हैं। ऐसे में खतरे को भांपते हुये पहले ही ग्रामीण अपने पैतृक घर खाली करने लग गये हैं।

ग्रामीण बीना देवी, कुसुम देवी, लक्ष्मण सिंह, संदीप सिंह कप्रवाण, जसपाल सिंह ने कहा कि गांव के ठीक नीचे ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की टनल का निर्माण हो रहा है। टनल निर्माण के दौरान विस्फोट होने से उनके घरों में दरारे पड़ रही हैं और पीछे की पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं। ग्रामीण दहशत में जीने को मजबूर हैं। एक ओर टनल निर्माण तो वहीं दूसरी ओर लगातार तेज बारिश होने से उनकी परेशानी बढ़ गई हैं। गांव में रहना अब खतरे से खाली नहीं है। गांव में 15 परिवार निवास करते हैं, लेकिन सबके लिये खतरा बना हुआ है। वे अपने पैतृक मकान नहीं छोड़ना चाहते हैं, लेकिन मजबूरी में उन्हें यह कदम उठाने पड़ रहे हैं। उनका सब कुछ यही है। ग्रामीणों ने कहा कि रात में ग्रामीण पूरी तरह से दहशत में है। डर के कारण रातभर जागने को मजबूर हैं। गांव छोड़ने के अलावा उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने प्रशासन और रेलवे विभाग से मांग करते हुए कहा कि जल्द ही प्रभावित ग्रामीणों का विस्थापन किया जाए, अन्यथा ग्रामीण आंदोलन के लिए मजबूर हो जायेंगे।




