मेगा कंपनी के तानाशाही रवैये के खिलाफ किया जायेगा संघर्ष
11 जनवरी को विवादों का हल नहीं होने पर रणनीति होगी तैयार
रुद्रप्रयाग। मेगा कंपनी के तानाशाही रवैये एवं श्रमायुक्त का आदेश न मानने को लेकर संविदा श्रमिक संघ सम्बद्ध (सीटू) एवं किसान सभा ने पुनः संघर्ष जारी रखने का निर्णय लिया है। 11 जनवरी को विवादों का हल नहीं किये जाने पर श्रमिक संघ आगामी रणनीति तैयार करेगा।
सीटू के जिला मंत्री बीरेन्द्र गोस्वामी ने बताया कि गत 28 दिसम्बर को संविदा श्रमिक संघ सम्बद्ध (सीटू) के मजदूरों ने रेलवे निर्माण का कार्य कर रही मेगा इन्जीनियरिंग एण्ड इन्फ्रास्टक्चर लि0 कम्पनी के खिलाफ विभिन्न मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार शुरू किया था। चार जनवरी तक चली एकजुट हड़ताल को तोड़ने की कम्पनी व प्रशासन की कोशिशें नाकाम साबित हुई थी। जिसके बाद अपर श्रमायुक्त (केन्द्रीय) देहरादून के लिखित आदेश करने के साथ ही हड़ताल के दौरान कम्पनी द्वारा संघ के पांच पदाधिकारियों सहित 24 श्रमिकों के अवैधानिक निस्कासन को रद्द करने के आश्वासन पर हड़ताल समाप्त की गई थी, लेकिन कम्पनी द्वारा श्रमायुक्त के आदेश का उलंघन कर पांच श्रमिक नेताओं को बहाल न करने तथा कम्पनी द्वारा श्रमिकों से गैरकानूनी शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने से मना करने पर श्रमिक हड़ताल पर डटे रहने पर अड़े हैं।
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बताया कि श्रमिक नेताओं ने कहा कि कंपनी श्रमायुक्त का आदेश मनाने को तैयार नहीं है। जिससे सीटू व किसान सभा के नेताओं ने कम्पनी की तानाशाही के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का फैसला किया है। कंपनी व श्रमिकों के विवादों को हल करने के लिए 11 जनवरी की तिथि तय की गई है। श्रमायुक्त के निर्णय के बाद ही श्रमिक संघ अगला कदम उठाएगा। अखिल भारतीय किसान सभा के प्रान्तीय महांमंत्री गंगाधर नौटियाल ने कहा कि मजदूरों किसानों की व्यापक एकता ही तानाशाही, अलोकतांत्रिक व असंबैधानिक कदमों का मुकाबला कर सकती है। इसलिए मजदूर के साथ तमाम लोकतांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों में भरोसा रखने वाले लोगों की भागीदारी कर संघर्ष को आगे बढ़ाया जाएगा।