पहाड़ी से विशाल बोल्डर गिरने के कारण औंण गांव में भवन क्षतिग्रस्त
रुद्रप्रयाग मुख्यालय से सटा है औंण गांव, रात में ही ग्रामीणों ने घर को किया खाली,
गांव के नीचे चल रहा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना का कार्य
रेलवे कार्य में विस्फोट के प्रयोग से गांव में हो रही घटनाएं
ग्रामीणों में दहशत का माहौल, प्रशासन से की विस्थापन की मांग
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग मुख्यालय से सटे औंण गांव में पहाड़ी से बोल्डर गिरने के कारण एक आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गया है। गनीमत रही कि पहाड़ी से बोल्डर गिरने के समय ग्रामीण लोग दूसरे कमरे में खाना खाने की तैयारी कर रहे थे। वरना कोई बड़ी घटना घट सकती थी। बोल्डर इतनी तेजी से आया कि मकान के पीछे की पूरी दीवार को तोड़ दिया। फिलहाल गांव में दहशत का माहौल है और प्रशासन की ओर से प्रभावित ग्रामीण को फौरी राहत दी गई है। साथ ही रेलवे का कार्य कर रही मेघा कंपनी के जियोलाॅजिकल की टीम भी गांव का निरीक्षण कर चुकी है।

रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के निकटवर्ती गांव औंण में रविवार रात आठ बजे के करीब पहाड़ी से भारी बोल्डर गिरने के कारण एक आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गया। पहाड़ी से इतना बड़ा बोल्डर गिरा कि उसने घर की पीछे की दीवार को पूर्ण रूप से ध्वस्त कर दिया। पहाड़ी से बोल्डर गिरने की आवाजे सुनने के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया। गनीमत रही कि उस दौरान परिवार के सदस्य दूसरे कमरे में खाना खाने की तैयारी कर रहे थे। पत्थर गिरने की आवाज सुनते ही ग्रामीणों ने घर को खाली कर दिया। यदि ग्रामीण बोल्डर गिरने की आवाज सुनकर घर को खाली न करते तो जनहानि हो सकती थी। बोल्डर गिरने से मकान का पीछे का हिस्सा पूर्ण रूप से टूट गया है और मकान में रखा सामान भी मलबे में दब गया है। ग्रामीणों के खेत-खलिहानों को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रभावित ग्रामीण जसपाल सिंह, विजय कप्रवाण, संदीप कप्रवाण, नरेश कप्रवाण ने कहा कि वे चार पीढियों से औंण गांव में रह रहे हैं। आज तक ऐसी कोई घटना देखने को नहीं मिली है। छः माह से रेलवे का कार्य औंण गांव के नीचे चल रहा है। जब से रेलवे का कार्य शुरू हुआ है, तब से औंण गांव के लोग रात को सोये नहीं हैं। टनल निर्माण में ब्लास्टिंग के समय औंण गांव में कंपन हो रही है। अब तक कई भवनों में मोटी-मोटी दरारें भी आ गई हैं, जबकि ऊपरी पहाड़ी से पत्थर गिरने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। ऐसे में ग्रामीण जनता भय के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि औंण गांव में रह रहे 15 परिवारों की सुरक्षा को देखते हुए जल्द ही विस्थापन किया जाना चाहिए।

घटना के बाद रेलवे कंपनी का कार्य कर रही मेघा कंपनी के जियोलाॅजिस्ट भी औंण गांव पहुंचे। जियोलाॅजिस्ट गोपाल शर्मा ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत पर मुआयना किया गया है। उन्होंने कहा कि पत्थर गिरने की घटना से एक भवन को क्षति पहुंची है। इसकी जांच की जायेगी। उन्होंने कहा कि मकान के बगल से टनल गुजर रही है। जांच में देखा जायेगा कि टनल निर्माण से गांव को कितना नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2022 में गांव का प्री-कंस्ट्रक्शन सर्वे किया जा चुका है। उससे पहले और अब की स्थिति का पता चल सकेगा। वहीं मौके पर पहुंची तहसील व आपदा प्रबंधन की टीम ने ग्रामीणों को राहत सामग्री वितरित की और फिलहाल प्रभावित परिवार को अन्यत्र रहने को कहा है। नायब तहसीलदार प्रताप सिंह ने कहा कि औंण गांव का निरीक्षण किया गया है। प्रभावित ग्रामीण को फौरी राहत दी गई है। अगर रेलवे निर्माण का कार्य कर रही कंपनी की लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है तो मेघा कंपनी से भी प्रभावित ग्रामीण को मुआवजा दिलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि कंपनी के टीम ने गांव का निरीक्षण किया है। विस्फोट के समय गांव में मशीन लगाई जायेगी, जिससे यह पता चल सकेगा कि विस्फोट के कारण गंाव में कितना नुकसान हो रहा है। आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने बताया कि गांव में पहुंचकर प्रभावित ग्रामीण को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से कंबल और अन्य जरूरी सामग्री दी गई है। इसके साथ ही गांव का निरीक्षण किया गया है। जांच के बाद ही स्थिति का स्पष्ट पता चल पाएगा।










