केदारघाटी में मूसलाधार बारिश से मंदाकिनी नदी ने धारण किया रौद्र रूप। अगस्त्यमुनि में पर्यावरण मित्रों के आवासीय झोपड़ी और सूअरों के बाड़े मंदाकिनी नदी में बहे, कई सूअरों की बहने की संभावना।
विजयनगर तिमली एवं बसुकेदार वाली सड़क के पुस्ते टूटे
बांसबाड़ा से बसुकेदार को जोड़ने वालु पुल के समीप बना बड़ा गड्डा
अगस्त्यमुनि। केदारघाटी में लगातार हो रही बारिश के कारण मंदाकिनी नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। वहीं लगातार बारिश से आम जन जीवन मुसीबत में आ गया है। जगह जगह सड़क अवरूद्ध होने से आवाजाही प्रभावित हो गई है। लोग भारी रिस्क लेकर आवाजाही कर रहे हैं। बारिश से विजयनगर तिमली एवं बसुकेदार वाली सड़क पुस्ते टूटने से दो जगहों पर वाॅश आउट हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई जगहों पर टूट गया है। वहीं मन्दाकिनी नदी के उफान पर आने से राइंका के नीचे रह रहे नपं के पर्यावरण मित्रों के आवासीय झोपड़ी एवं सूअरों के बाड़े में पानी घुसने से कई सूअर बहने की सम्भावना है।
रविवार रात्रि से क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश ने लोगों की नींद उड़ा दी है। वर्ष 2013 की महा आपदा के बाद मंदाकिनी नदी का ऐसा भीषण प्रवाह पहली बार सामने आया है। गंगानगर से बसुकेदार एवं तिमली जाने वाली सड़क दो जगहों पर पूरी तरह से वाॅशआउट हो गई। जिससे बसुकेदार तहसील के 50 से अधिक गांवों का सम्पर्क राष्ट्रीय राजमार्ग से कट गया है। यह मार्ग 2013 की महाआपदा में भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। उस समय जनप्रतिनिधियों ने सड़क का समरेखण बदलते हुए एलएनटी की सड़क से करने का आग्रह किया था, मगर विभाग ने इसी स्थान पर पुस्तों में सड़क का निर्माण करना उचित समझा। भारी बरसात एवं मन्दाकिनी नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से पुस्ते नदी में समा गये। सिल्ला बामण गांव के क्षेपंस सावन नेगी ने फिर से विभाग को उक्त सड़क को एलएनटी की सड़क से ले जाने की मांग की है। उनका कहना है कि सुरक्षित होने के साथ ही कम धनराशि में बनने वाली सड़क होगी। वहीं मंदाकिनी लगातार गंगानगर पुल के समीप कटान कर रही है, जिससे वहां लगी एक ओर की सुरक्षा दीवार पूरी तरह से नदी मे समा गई है। यह पुल भी खतरे की जद में आ गया है।
वहीं अगस्त्यमुनि के सिल्ली कस्बे के समीप डाकबंगला से आगे सड़क का बड़ा हिस्सा नदी में समा गया है। नदी लगातार सड़क के हिस्से को काट रही है। यहां पर यात्री आवाजाही करने में भारी खतरा उठा रहे हैं। इस जगह पर बिजली की मेन लाइन के पोल भी खतरे में है और कभी भी मंदाकिनी में गिर सकते है। मन्दाकिनी के उफान पर आने से नदी किनारे रह रहे नपं के पर्यावरण मित्रों के आवासों में पानी घुस गया। जबकि उनके सूअरों के बाड़े को भारी नुकसान हुआ है। कई सूअरों के बहने की भी आशंका जताई जा रही है। वहीं बसुकेदार को जोड़ने के लिए बांसबाड़ा में बने पुल के समीप एक बड़ा गड्डा बन गया है, जिस कारण यह रास्ता बंद हो चुका है और लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।