जिला अस्पताल को शिफ्ट किये जाने से स्थानीय जनता में आक्रोश
अस्पताल शिफ्टिंग के विरोध में धरना दूसरे दिन भी जारी,
चमोली और रुद्रप्रयाग की जनता को होंगी परेशानियां
कोटेश्वर के लिए वाहन बुक कराकर जाने की होंगी समस्याएं
रुद्रप्रयाग। जिला चिकित्सालय से आर्थोपेडिक, जनरल सर्जरी और आंख, नाक-कान व गला सहित अन्य जरूरी ब्रांचों के कोटेश्वर अस्पताल शिफ्ट होने को लेकर स्थानीय लोगों का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को आक्रोशित लोगों ने जिला अस्पताल में धरना देते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही कहा कि जब तक अस्पताल शिफ्टिंग पर रोक नहीं लग जाती, अंादोलन जारी रहेगा।

बता दें कि जिला प्रशासन के निर्देशों पर जिला अस्पताल से आर्थोपेडिक एवं जनरल सर्जरी को कोटेश्वर में शिफ्ट किया जा रहा है, जिससे आंख, नाक-कान-गला से संबंधित ओपीडी और ऑपरेशन सभी कोटेश्वर में शुरू होंगे। जिला अस्पताल में महज गायनी, बाल रोग और जनरल फिजिशियन की ब्रांचों को यथावथ रखा जायेगा। जिला चिकित्सालय से इन जरूरी ब्रांचों के कोटेश्वर चले जाने से रुद्रप्रयाग और चमोली की जनता को भारी दिक्कतें होंगी। व्यापार संघ अध्यक्ष चन्द्रमोहन सेमवाल, सभासद संतोष रावत सहित अन्य लोगों ने कहा कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को जनता की सुविधा को देखते हुए जिला चिकित्सालय में मौजूद ब्रांचों को यहीं रखा जाना चाहिए, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर और दूर दराज के लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। कोटेश्वर में अस्पताल चले जाने से गांव-गांव के लोगों को यातायात की समस्या रहेगी। साथ ही यहां मुख्यालय से दूरी और कनवेंस की सुविधा न होने से भी लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोटेश्वर स्थित विकास भवन और अन्य विभागों के स्थापित होने के कारण लोगों को पहले ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब जिला अस्पताल को भी कोटेश्वर स्थापित किये जाने से जनता को और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। स्थानीय जनता ने शीघ्र ही जनता की समस्याओं को समझते अस्पताल शिफ्टिंग पर रोक लगाने की मांग की, अन्यथा जनता को उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। वहीं मुख्य चिकित्स अधीक्षक मनोज बडोनी का कहना है कि जिला अस्पताल की कुछ ब्रांचों को कोटेश्वर शिफ्ट किया जा रहा है। इससे जहां जिला चिकित्सालय में मरीजों की बढ़ती संख्या से होने वाली परेशानियों से निजात मिल पायेगी, वहीं मरीजों को खुला माहौल भी मिलेगा। बाद में अन्य ब्रांचों को भी कोटेश्वर में शिफ्ट किया जाना है।
