पांडवों ने किया अलकनंदा नदी में गंगा स्नान,
नकुल ने दिया पिता को तर्पण
गैंडा कौथिग देखने को रात भर कड़ाके की ठंड में उमड़ी रही भीड़,
पुनाड़ गांव में हो रहा पांडव नृत्य का आयोजन,
रुद्रप्रयाग। मुख्यालय स्थित पुनाड़ पांडव चौक में चल रही पांडव लीला में शुक्रवार रात गैंडा कौथिग का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे। रातभर कड़ाके की ठंड में लोगों ने उत्साह के साथ मंचन का आनंद लिया। इसके बाद शनिवार सुबह पांडवों ने अलकनंदा नदी में स्नान किया, जबकि नकुल ने अपने पिता पांडु को तर्पण दिया। इस दौरान बाजार में जगह-जगह पांडवों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।
पुनाड़ पांडव चैक में चल रहे पांडव नृत्य में शुक्रवार रात्रि को गैंडा कौथिग का आयोजन किया गया। चार पहर स्थानीय देवी देवताओं का अवतरण हुआ, जबकि पूरी रात भव्य मंचन किया गया। पांडवों के विधिवत नृत्य के साथ अस्त्र-शस्त्र प्रदर्शन किया गया। इसके बाद पांडवों द्वारा खेतों में हल चलाने, धान रोपने से लेकर धान कटाई और इसके प्रसाद के रूप में वितरण का दृश्य दिखाया गया। अंत में पांडव पिता पांडु के श्राद्ध के लिए गैंडे की खगोती को लेने के लिए नागलोक में अर्जुन द्वारा गैंडा वध का मंचन किया गया। इस दौरान नकार्जुन के प्रहार से अर्जुन के मूर्छित होने का दृश्य दिखाया गया। इस दौरान काफी देर तक माहौल पूरी तरह भावनात्मक दिखाई दिया। हालांकि इस दौरान देवी देवताओं के अवतरण के बाद अर्जुन को मूर्छा से बाहर लाया गया और सुबह पांच बजे देवताओं के स्नान के बाद गैंडा कौथिग का समापन हुआ। शनिवार को पांडवों ने अलकनंदा नदी में स्नान किया। साथ ही नकुल ने अपने पिता पांडु को तर्पण दिया। इस दौरान श्रीकृष्ण की आरती उतारी गई और श्रीकृष्ण द्वारा अपने भक्तों को अशीर्वाद दिया गया। इसके बाद पांडव बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ पांडव चैक पहुंचे। इस मौके पर पांडव नृत्य एवं शिव समिति पुनाड़ के अध्यक्ष प्रकाश भारती, सचिव सुनील नौटियाल, कोषाध्यक्ष विक्रम कप्रवान, रामचन्द्र नौटियाल, दिनेश चन्द्र सेमवाल, कमलेश्वर प्रसाद सेमवाल, अनिल सेमवाल, सुरेंद्र बिष्ट, शैलेंद्र भारती, हरीश गिरी, महेश डियून्डी, राकेश नौटियाल, रामलाल चौधरी, चन्द्रशेखर चौधरी, चक्रधर सेमवाल, प्रदीप चौधरी, अशोक चौधरी, बृजमोहन नौटियाल, हरीश कप्रवान, उम्मेद सिंह बिष्ट सहित कई मौजूद थे।