लापरवाही बरते जाने पर संचालक को किया जायेगा पूर्णतः प्रतिबंधित: डाॅ गहरवार
डीएम की अध्यक्षता में पशु कू्ररता निवारण समिति की बैठक
यात्रा मार्ग पर संचालित पशुओं की नियमित गौरीकुंड में चैकिंग के निर्देश
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में किसी भी दशा में घायल, बीमार, कमजोर एवं बिना पंजीकरण के घोड़े-खच्चरों का संचालन नहीं किया जाएगा। यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों की गौरीकुंड घोड़ा-पड़ाव में चैकिंग की कार्यवाही की जाए। लापरवाही बरते जाने पर संबंधित संचालक के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए यात्रा मार्ग से पूर्णतः प्रतिबंधित किया जाएगा।

केदारनाथ यात्रा मार्ग में पशु क्रूरता की रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी डाॅ सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में जिला कार्यालय कक्ष में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें पीपल फाॅर एनिमल की सदस्य गौरी मौलखी आॅनलाइन के माध्यम से मौजूद रही। बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी प्रकार से कोई क्रूरता नहीं होनी चाहिए।

कहा कि गौरीकुंड घोड़ा-पड़ाव में ही केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों का पूर्ण रूप से जांच की जाए तथा किसी भी दशा में यात्रा मार्ग में घायल, कमजोर, बीमार एवं बिना पंजीकरण घोड़े-खच्चरों का संचालन न हा,े इस पर सभी अधिकारी कड़ी निगरानी रखें। उन्होंने यह भी कहा कि इसके बावजूद भी यदि कोई घायल एवं बीमार, कमजोर घोड़े-खच्चर का संचालन करना पाया जाता है तो संबंधित स्वामी एवं हाॅकर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराते हुए घोड़े-खच्चर को मालिक एवं मालिक को भी यात्रा मार्ग में संचालन से पूर्णतः प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए गए तथा संबंधित अधिकारी नियम विरुद्ध संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के संबंध में की गई कार्यवाही की सूचना अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को उप जिलाधिकारी ऊखीमठ के माध्यम से प्रति दिन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यदि किसी भी घोड़े-खच्चरों के साथ पशु क्रूरता की जाती है तो उनके विरुद्ध पशु क्रूूरता अधिनियम के तहत नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूर्ण व्यवस्था की जा रही है। उन्हें आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए फाटा में पशु चिकित्सालय तैयार किया गया है तथा गौरीकुंड में भी घोड़े-खच्चरों के लिए रैन शेल्टर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ घोड़ा-पड़ाव में भी 40 लाख की लागत से रैन शेल्टर तैयार किया जा रहा है, जिसका कार्य शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही घोड़े-खच्चरों की पूर्ण निगरानी एवं डाटा रखे जाने के लिए जीमैक्स द्वारा एप भी तैयार किया गया है, जिसमें घोड़े-खच्चरों एवं संचालकों एवं स्वामी का पूर्ण विवरण उपलब्ध होगा। पीपल फाॅर एनिमल की सदस्य श्रीमती गौरी मौलखी ने कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के साथ किसी भी तरह से कोई पशु क्रूरता न हो, इस पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है तथा यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों का घोड़ा-पड़ाव गौरीकुंड में ही सभी घोड़े-खच्चरों का ठीक तरह से परीक्षण किया जाए। साथ ही परीक्षण के दौरान जो अनफिट एवं कमजोर व घायल घोड़े-खच्चर हैं, उनका किसी भी तरह से यात्रा में संचालन न किया जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, डाॅ. दीपमणी गुप्ता, डाॅ. अमित सिंह, निदेशक जीमैक्स रोहित एवं संबंधित अधिकारी आॅनलाइन के माध्यम से मौजूद रहे।
