अस्तित्व की जद्दोजहद में चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव नरकोटा
बाजार ध्वस्त, अब रोजगार का अकाल
नरकोटा गांव में धूल, प्रदूषण सहित कई समस्याएं
रेल परियोजना निर्माण से संकट में हैं ग्रामीण
आरबीएनएल कंपनी और क्षेत्रीय विधायक पर लगाया अनेदखी का आरेाप
रुद्रप्रयाग। कभी चारधाम यात्रा का मुख्य पड़ाव कहा जाने वाला नरकोटा बाजार आज अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। रेल परियोजना से बाजार समाप्त हो गया और इसका उन्हें कोई फायदा नहीं मिला। बाजार के बदले आज तक नया बाजार तैयार नहीं हो पाया है। कुल मिलाकर रेल परियोजना से ग्रामीणों को नुकसान ही हुआ है और हर दिन समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं। एक तरफ रोजगार का अकाल तो दूसरी और पैदल रास्तों, धूल, प्रदूषण की समस्या।

हालात इतने खराब हो चुके हैं कि सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त होने से कई नाली जमीन बंजर पड़ी है। ये सच है की रेल परियोजना विकास के लिए जरूरी है। इस बात पर कोई संदेह नहीं, पर क्या इस परियोजना के निर्माण से गांव को तबाह किया जाना और ग्रामीणांे की जिंदगी भर की कमाई से बने आशियाने ध्वस्त किये जांए। यह सरास ग्रामीणों के साथ किसी अन्याय से कम नहीं है। ऐसे में इसका विरोध कर आंदोलन करना अब ग्रामीणों की मजबूरी हो गई है। समझ से परे तो यह भी है की आरबीएनएल कंपनी आखिर क्यों अपनी सामाजिक जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। यह सब जिम्मेदारी आरबीएनएल की है कि प्रभावित गांव के ग्रामीणों को परियोजना निर्माण से कोई नुकसान ना पहुंचे। साथ ही निर्माण इस तरह से किया जाय की ग्रामीणों और उनके आजीविका का कोई नुकसान न पहुंचे। बावजूद इसके सरकार की नीतियों और परियोजना निर्माण के मानको की अनदेखी की जा रही है। वैसे नियम ये कहते हैं कि जिस परियोजना क्षेत्र में निर्माण कार्य चल रहा है, वहां रोजगार प्रभवित ना हो और ग्राम पंचायत के प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान ना पहुंचे। ऐसा कोई भी कार्य ना किया जाय, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचे या क्षेत्र में प्रदूषण ना हो। जिससे लोगों के जीवन पर कुप्रभाव ना पड़े और गांव की कृषि, बागवानी, सम्पर्क मार्गो को क्षति ना पहुंचे। क्यूंकि यही अहम संसाधनों पर गांव का विकास और विनाश निर्भर करता है। मगर यहां यह अब उलट है। ग्रामीण भगवती प्रसाद भट्ट ने कहा कि रेल विकास निगम नरकोटा गांव की अनदेखी कर रहा है। ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। क्षेत्रीय विधायक भी कभी समस्याएं सुनने नहीं आए। धूल, प्रदूषण और विस्फोटों से ग्रामीण जनता परेशान है। रेल परियोजना निर्माण से ग्रामीणों की सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो गई है, जिससे खेत बंजर पड़े हैं। मंदिर का रास्ता ध्वस्त कर दिया गया है। वहीं प्रभावित रमेश सिलोडी ने कहा कि कुछ ग्रामीणों को रोजगार मिला है, मगर अभी भी सैकड़ों ग्रामीण बेरोजगार हैं। ऐसे ग्रामीण भी हैं, जो बहुत गरीब परिवार हैं। उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। पहले जब नरकोटा बाजार बाजार था तो तब रोजगार सही था। अब सब चैपट हो गया है। कंपनी ने रास्ता तोड़ दिया है, नहर तोड़ दी है। पाइप लाइन तोड़ दिए हैं, जिससे स्थानीय जनता परेशान है।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं वार्ड सदस्य संदीप प्रसाद, विनोद भट्ट व सुनील जोशी ने कहा कि रेलवे परियोजना का कार्य कर रही कंपनी सुनने को तैयार नहीं है। कई बार पत्राचार किया जा चुका है। यहां तक कि विधायक भी कभी समस्याएं सुनने को नहीं आये और प्रशासन भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इस बार चुनाव में इसका सबक विधायक को भुगतना पड़ेगा। वहीं ग्राम प्रधान चंद्रमोहन ने कहा कि गांव के साथ जो हठधर्मिता की जा रही है, वह बर्दाश्त नहीं की जायेगी। वहीं जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि आरबीएनएल कंपनी को सावधानी के साथ कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं, जिससे नरकोटा गांव को कोई नुकसान न पहुंचे और ग्रामीणों की सम्पत्ति बर्बाद न हो। उन्होंने कहा कि जिस भी चीज का ग्रामीणों को नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई के लिए कंपनी को कहा जायेगा।
