पारम्परिक गीतों के संरक्षण को लेकर केदारनाथ विधायक की पहल
केदारघाटी में किया जायेगा मांगल और खुदेड़ गीतों का आयोजन,
24 दिसम्बर से होगा प्रतियोगिता का आयोजन, विजेताओं को मिलेगा नगद पुरस्कार
रुद्रप्रयाग। मांगल और खुदेड़ गीतों के संरक्षण को लेकर प्रदेश में पहली बार पहल शुरू की जा रही है। केदारनाथ विधायक मनोज रावत की ओर से मांगल गीतों की एक गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता का शुभारंभ 24 दिसम्बर को किया जायेगा। विधानसभा के मनसूना, ऊखीमठ, भणज, दुर्गाधार, कालीमठ, तुलंगा, बसुकेदार में मांगल गीतों का आयोजन किया जाएगा।

बता दें कि केदारनाथ विधायक मनोज रावत समय-समय पर पहाड़ की संस्कृति के लिए आवाज उठाते रहे हैं। उनका मकसद है कि स्थानीय लोगों को अपनी संस्कृति की पहचान हो सके और आने वाली पीढ़ी भी इस संस्कृति को अपनाए। केदारनाथ विधायक मांगल और खुदेड़ गीतों के संरक्षण को लेकर कार्य कर रहे हैं। उनकी ओर से मांगल गीतों के जरिये क्षेत्र की छिपी हुई प्रतिभाओं को आगे लाना का प्रयास किया जा रहा है। प्रतियोगिता का शुभारंभ 24 दिसम्बर को किया जायेगा और इसी दिन मनसूना, ऊखीमठ, भणज, दुर्गाधार, कालीमठ, तुलंगा, बसुकेदार में मांगल गीतों का आयोजन किया जाएगा। 25 दिसम्बर को नारी, गुप्तकाशी, जगोठ, चंद्रापुरी, दशज्युला कांडई और जामू में मांगल और खुदेड गीतों का आयोजन किया जाएगा। 26 दिसम्बर को फलासी, परकंडी, सिल्ला, बामणगंाव में मांगल गीतों का आयोजन किया होगा। केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि केदारघाटी में मांगल और खुदेड़ गीतों की पौराणिक परंपरा रही है, जिसे धीरे-धीरे लोग भूलते जा रहे हैं। उनकी कोशिश यही है ये समृद्ध परंपरा फिर से जीवित की जाय। मांगल मेले के आयोजन में हर गांव से एक महिला मंगल दल प्रतिभाग करेगी। ग्रुप में सात से अधिक महिलाएं नहीं होंगी। खुदेड़ गीत में एक महिला प्रतिभाग करेगी। मांगल गीतों के लिए पुरस्कार राशि भी दी जाएगी। प्रथम पुरस्कार 3500, द्वितीय 2500 और तृतीय 1500 के साथ ही खुदेड़ गीत में प्रथम विजेता को 1500, द्वितीय 1000 और तृतीय 500 की धनराशि दी जाएगी। विधायक रावत ने कहा कि केदारघाटी में मांगल, खुदेड़, घसियारी और बाजूबंद गीत पहले काफी प्रचलित थे, लेकिन पिछले कई सालों से अब इन गीतों का प्रचलन कम हो गया है। अब मांगल मेले के माध्यम से फिर से इस परंपरा को जीवित करने की कोशिश की जा रही है। प्रथम चरण में गांवों से टीमों का चयन किया जा रहा है। उसके बाद चंद्रापुरी में पूरे विधानसभा की मांगल टीमों की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। पिछले साल भणज गांव में मांगल गीतों आयोजन किया गया था, जिसमे कई महिलाओं ने प्रतिभाग किया। इस आयोजन के बाद मांगल गीतों के संरक्षण और संवर्धन में मदद मिलेगी।
