यात्रा मार्ग की दुकानों का आवंटन नीलामी से किये जाने का विरोध,
घोड़ा-पड़ाव, रुद्रा प्वाइंट, बेस कैंप संघर्ष समिति ने दी चक्काजाम की चेतावनी,
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी सीएम को भेजा ज्ञापन,
केदारनाथ विधायक ने दुकानों को लेकर निकाली विज्ञप्ति बताया गलत,
केदारघाटी की कहावत, छः महीने कमाया और छः महीने समाया: शैला,
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बेस कैंप की दुकानों का आवंटन नीलामी से किये जाने का घोड़ा-पड़ाव, रुद्रा प्वाइंट, बेस कैंप संघर्ष समिति ने विरोध किया है। इसके साथ ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस मामले में जिला प्रशासन से त्वरित कार्यवाही की मांग की है। वहीं केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने भी संघर्ष समिति की मांगों को जायज ठहराया है।
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यहां जारी बयान में घोड़ा-पड़ाव, रुद्रा प्वाइंट, बेस कैंप संघर्ष समिति के अध्यक्ष पवन राणा ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से इस बार बेस कैंप की दुकानों का आवंटन नीलामी के तहत किया जा रहा है, जबकि पिछले वर्षो तक लाॅटरी सिस्टम से दुकानों और टेंट काॅलोनियों का आवंटन किया जाता था, जो प्रक्रिया सभी के लिए सही थी। इस बार जिला प्रशासन की ओर से दुकानों का आवंटन नीलामी के तहत कराये जाने की तैयारी की जा रही है, जिसको लेकर विज्ञप्ति भी निकाली गई है, जिसे पढ़ने के बाद से संघर्ष समिति में आक्रोश बना हुआ है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले में कार्यवाही नहीं की गई तो संघर्ष समिति के बैनर तले केदारनाथ हाईवे पर चक्काजाम किया जाएगा।
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वहीं जिला प्रशासन की इस कार्यवाही से केदारघाटी के जनप्रतिनिधियों में भी आक्रोश बना हुआ है। जनप्रतिनिधियों ने एसडीएम ऊखीमठ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजते हुए कहा कि केदारनाथ यात्रा पड़ावों की दुकानों और टेंटों का आवंटन लाॅटरी सिस्टम से किया जाए। उन्होंने कहा कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक पैदल मार्ग के किनारों पर दुकान व टेंट लगाने वाले बेरोजगार युवाओं को परेशान ना किया जाए। आचार संहिता का हवाला देकर क्षेत्रीय जनता से बिलकुल भी दुव्र्यवहार न किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन ने मांगों पर अमल नहीं किया तो क्षेत्रीय जनता के साथ पांच मई को गौरीकुंड में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख श्वेता पांडे, प्रधान संगठन अध्यक्ष सुभाष रावत, गुरिल्ला संगठन अध्यक्ष बसंती रावत, संदीप पुष्पवान, निवर्तमान पंचायत अध्यक्ष विजय राणा, विशम्बर भट्ट, अंजना रावत, प्रहलाद सिंह राणा, प्रदीप लाल आदि लोग मौजूद थे।
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इधर, जिला प्रशासन की ओर से दुकानों के लिए निकाली गई निविदा को केदास्नाथ विधायक ने भी गलत ठहराया है। उन्होंने जिलाधिकारी को भेजे पत्र में कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग के बेस कैंप की दुकानों के लिए निकाली गई निविदा में स्थानीय लोगों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। केदारनाथ यात्रा मार्ग स्थानीय लोगों का पैतृक व्यवसाय है, जिसे बाहरी लोगों ने प्रभावित किया है। केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं में स्थानीय लोगों की भागीदारी होने के कारण ही यहां का पलायन रूका है और यहां कहावत भी है कि छः महीने कमाया और छः महीने समाया। कपाट बंद होने के बाद लोग विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जो यहां की विविधता है। टैंट, नींबू पानी, जूस, चाय इत्यादि छोटी-छोटी दुकानों को पूर्व की भांति स्थानीय लोगों को वितरित किए जांए और निम्न आय वर्ग के 25 प्रतिशत आपदा प्रभावित बेरोजगारों को भी आरक्षित रखा जाए। स्थानीय लोगों के रोजगार को देखते हुए उक्त निविदा में शिथिलता के साथ-साथ स्थानीय बेरोजगारों को वरीयता देने की नितान्त आवश्यकता है, जिससे स्थानीय बेरोजगारों व आपदा प्रभावितों की आजीविका सुरक्षित रह सके। उन्होंने स्थानीय बेरोजगारों के रोजगार व आजीविका को ध्यान में रखते हुए मामले में आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है।
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