मानव जीवन को पाथेय प्रदान करते हैं गीता के उपदेश: डाॅ तिवारी
आॅनलाइन गूगल मीट के माध्यम से गीता जयन्ती मास महोत्सव कार्यक्रम पर चर्चा,
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के तत्वावधान में जनपद रुद्रप्रयाग की ओर से गीता जयन्ती मास महोत्सव कार्यक्रम आॅनलाइन गूगल मीट के माध्यम से किया गया। गोष्ठी में श्रीमद्भगवद्गीता में भारतीय संस्कृति’ विषय में मुख्य वक्ता संस्कृत के ख्याति प्राप्त कवि डाॅ शशिकान्त तिवारी ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय संस्कृति की अमूल्य निधि है। गीता के उपदेश मानव जीवन को पाथेय प्रदान करते हैं।
इस अवसर पर सह वक्ता राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोशीमठ चमोली में संस्कृत विभाग में सहायकाचार्य पद पर कार्यरत नवीन पंत ने श्रीमद्भगवद्गीता के जीवनोपयोगी उपदेशों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि धर्माधिकारी बदरीनाथ धाम के आचार्य राधाकृष्ण थपलियाल ने श्रीमद्भगवद्गीता को मानव जीवन का पथ प्रदर्शक बताया।
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विशिष्ट अतिथि भागवत प्रवक्ता डाॅ शशांक शेखर डिमरी कहा कि गीता ही भारतीय संस्कृति है। कार्यक्रम के अध्यक्ष संस्कृत शिक्षा विभाग में कार्यरत सहायक निदेशक डाॅ चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने संस्कृत भाषा में संचालित कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। कार्यक्रम का संचालन जनपद संयोजक केदारनाथ आदर्श संस्कृत महाविद्यालय शोणितपुर लमगौंडी के प्रभारी प्राचार्य डाॅ नित्यानन्द पोखरियाल ने किया। सह संयोजक आचार्य सुखदेव प्रसाद सिलोड़ी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में डाॅ हरिशंकर डिमरी, वासुदेव सेमवाल, कुलदीप मैंदोला, नवीन नौटियाल, देवी प्रसाद नौटियाल, जगदीश भट्ट, विशाल भट्ट, मानस, दिव्यांशु, जगदम्बा जसोला, शशांक, कन्हैया, वंश, ईश्वर चन्द्र आदि उपस्थित थे।
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