हेपेटाइटिस से बचाव को लेकर जागरूकता पर दिया जोर
एनएचएम के तत्वावधान में जनपद की 45 चिकित्सा इकाईयों में गोष्ठी आयोजित
सामुदाय स्तर पर अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के ग्राम बीना में भी की जागरूकता गतिविधि
रुद्रप्रयाग। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में विश्व हेपेटाइटिस दिवस के मौके पर स्वास्थ्य 45 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सहित ग्रामी बीना में समुदाय स्तर पर संगोष्ठियों का आयोजन कर वायरल हेपेटाइटिस से बचाव व रोकथाम के लिए जागरूकता किया गया।
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अगस्त्यमुनि ब्लाॅक के अंतर्गत ग्राम बीना में समुदाय स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ वीएस गुसाईं ने कहा कि हेपेटाइटिस विषाणु जनित रोग है, जो लीवर को क्षति पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस वायरस पांच प्रकार का होता है, जिसमें हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी व ई शामिल है। हेपेटाइटिस ए और ई दूषित जल व भोजन के उपयोग से व हेपेटाइटिस बी व सी संक्रमिक रक्त एवं रक्त उत्पादों से, असुरक्षित यौन संबंध से हो सकता है। थकान लगना, भूख न लगना, जी मचलाना, सिर दर्द, बदन दर्द, पेट दर्द व पीलिया आदि हेपेटाइटिस के लक्षण हैं हेपेटाइटिस बी व सी में लीवर सिरोसिस या कैंसर भी हो सकता है।
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एपिडेमियोलॉजिस्ट डाॅ शाकिब ने हेपेटाइटिस के लक्षण महसूस होने पर तत्काल निकटवर्ती चिकित्सालय में संपर्क करने की अपील की। वहीं, जिला चिकित्सालय में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्ववधान में जागरूकता एवं साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ संजय तिवारी, पैथोलॉजिस्ट डाॅ बीएस बिष्ट ने वायरल हेपेटाइटिस के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए हेपेटाइटिस से बचाव व रोकथाम के लिए भोजन को पकाने व खाने से पहले तथा शौच के बाद हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने, पीने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करने, बाजार के खुले खाद्य पदार्थों का सेवन न करने, हेपेटाइटिस बी के संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन लगवाने, अधिकृत ब्लड बैंक से ही रक्त लेने जैसे उपायों को अपनाने पर जोर दिया।
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अधिवक्ता यशोधा खत्री ने वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता पर जोर दिया। डाॅ मनीष कुमार ने कहा कि हेपेटाइटिस बी एक गंभीर बीमारी है। यह बीमारी इसलिए भी खतरनाक है कि गर्भवती महिलाओं में उनके शिशुओं में भी फैल सकती है। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर संबंधित को चाहिए कि वह तत्काल निकतवर्ती चिकित्सालय में जाकर जांच कराए। यह भी सुनिश्चित कराएं की बच्चे को हेपेटाइटिस टीके की शून्य डोज जरूर लगवाएं। दूसरी ओर जनपद के दिगधार, बजीरा, बसुकेदार सहित 44 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में भी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने ग्रामीणों को हिपेटाइटिस बीमारी के कारण, रोकथाम व बचाव के बारे में जागरूक किया।
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