जीतू बगड़वाल के हरण के साथ खोन्नू गांव में नृत्य संपंन
16 वर्षो बाद आयोजित बगड़वाल नृत्य में उमड़ी रही भक्तों की भीड़,
ऊखीमठ। कालीमठ घाटी की ग्राम पंचायत कोटमा के खोन्नू गांव में 16 वर्षों बाद आयोजित 12 दिवसीय बगड़वाल नृत्य का समापन जीतू बगड़वाल हरण के साथ हुआ। बगड़वाल नृत्य के समापन अवसर पर सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रतिभाग कर विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की। बगड़वाल नृत्य के समापन अवसर पर बगड़वाल नृत्य में शामिल विभिन्न पश्वाओं, महिलाओं व धियाणियांे के चेहरे पर भावुक क्षण देखने को मिले। बगड़वाल नृत्य में प्रवासियों, धियाणियांे व कालीमठ घाटी के जनमानस ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की।
बगड़वाल नृत्य कमेटी संरक्षक लक्ष्मण सिंह सत्कारी ने बताया कि खोन्नू गांव के ग्रामीणों व कालीमठ घाटी के जनमानस के सहयोग से विगत एक दिसम्बर से बगड़वाल नृत्य का शुभारंभ किया गया था तथा बगड़वाल नृत्य में गजपाल सिंह, जीत सिंह, सुरेन्द्र सिंह, संजय सिंह, भगत सिंह, जगदीश सिंह तथा बिक्रम सिंह ने विभिन्न पश्वाओं की भूमिका अदा की। अध्यक्ष दिनेश सत्कारी ने बताया कि खोन्नू गांव में बगड़वाल नृत्य में सोबनी बुलावा, जीत बगड़वाल का खेट पर्वत गमन, खेट पर्वत पर ऐड़ी आछरियों का जीतू बगड़वाल का हरण, जीतू बगड़वाल का ऐड़ी आछरियों को 6 गते आषाढ़ रोपाई के दिन हरण करने का बचन देना तथा समापन अवसर पर जीतू बगड़वाल हरण सहित विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक व पौराणिक परम्पराओं का निर्वहन किया गया।
उपाध्यक्ष केदार सिंह सत्कारी ने बताया कि 12 दिवसीय बगड़वाल नृत्य में प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीणों ने शामिल होकर जीतू बगड़वाल की प्रेम गाथा व जीवनी से रूबरू हुए। सचिव प्रताप सिंह सत्कारी ने बताया कि बगड़वाल नृत्य में खोन्नू के ग्रामीणों के साथ ढोल वादकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कोषाध्यक्ष प्रताप सिंह सत्कारी, मुकुन्दी सिंह सत्कारी, पंडित सत्यानन्द, पंडित प्रेम प्रकाश भटट्, महिला मंगल दल अध्यक्ष सीता देवी व खोन्नू गांव के समस्त ग्रामीणों ने धार्मिक कार्यक्रम के निर्विघ्न संपंन होने पर कालीमठ घाटी के जनमानस का आभार व्यक्त किया।