पशु संचालकों के विरूद्ध दर्ज किए मुकदमों पर जताई नाराजगी
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) ने किया बैठक का आयोजन,
स्वयं सेवी संस्थाओं पर लगाया घोड़ा-खच्चर स्वामियों के उत्पीड़न का आरोप
रुद्रप्रयाग। सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) ने केदारनाथ पैदल मार्ग पर संचालित हो रहे घोड़ा-खच्चर संचालकों के विरुद्ध दर्ज किए जा रहे मुकदमों पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने इस कार्य में लगी स्वयं सेवी संस्थाओं पर घोड़ा-खच्चर स्वामियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया।

ऊखीमठ में आहूत बैठक में सीटू के जिला महामंत्री वीरेंद्र गोस्वामी ने कहा कि गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग जानलेवा होने के चलते कई घोड़े-खच्चर जगह-जगह पर फिसलकर चोटिल हो रहे हंै, जिससे घोड़े-खच्चर स्वामियों, हॉकरों व देश विदेश से धाम के दर्शनों को पहुंचे श्रद्धालुओं को आए दिन खासा नुकसान हो रहा है। मगर दूसरी ओर स्वयंसेवी संस्थाएं जमीनी हकीकत समझे बिना ही घोड़े-खच्चर स्वामियों के विरुद्ध पशु क्रुरता के नाम पर आए दिए घोड़े खच्चरों को सीज कर उनके विरुद्ध पशु क्रुरता अधिनियम के मुकदमों में उलझाया जा रहा है। जिससे घोड़े-खच्चर स्वामियों को भारी आर्थिक एवं मानसिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया है। जिसमें पशु कु्ररता के नाम पर घोड़ा-खच्चर संचालकों के खिलाफ पशु कु्ररता के नाम पर किए जा रहे उत्पीडन पर रोक लगाने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि घोड़ा खच्चर संचालकों से सिर्फ सुविधा शुल्क लिया जा रहा है, जबकि सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है।
