अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से एक दर्जन मवेशियों की मौत
जिले के ऊखीमठ और धनपुर में फैल रही अज्ञात बीमारी
पशुपालन विभाग नहीं कर रहा कोई कार्यवाही, मवेशियों में फैलती जा रही बीमारी
विभाग की घोर लापरवाही से ग्रामीण जनता में आक्रोश
रुद्रप्रयाग। जनपद के विभिन्न इलाकों में मवेशी अज्ञात बीमारी की चपेट में हैं। अभी तक बीमारी की चपेट में आने से एक दर्जन मवेशियों की मौत हो चुकी है। ऐसे में ग्रामीण खासे परेशान हैं। उनका कहना है कि पशुपालन विभाग को सूचना देने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। विभाग की ओर से घोर लापरवाही बरतने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश बना हुआ है।
दरअसल, बीते एक सप्ताह से मवेशियों में अज्ञात बीमारी फैलने से ग्रामीण खासे परेशान हैं। विकासखण्ड ऊखीमठ के खुमेरा, मक्कू, पाब जगपुड़ा सहित अन्य ग्रामीण इलाकों में पालतू मवेशियों की एक नयी बीमारी के कारण मौत हो रही है। पशुपालन विभाग ने इस ओर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है, जिस कारण ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है। प्रधान संगठन के जिला उपाध्यक्ष विजयपाल सिंह नेगी ने बताया कि विकासखण्ड ऊखीमठ के कई ग्रामीण क्षेत्रों में विगत एक सप्ताह से मवेशियों में अज्ञात बीमारी फैलने से उनकी मौत हो रही है। पालतू मवेशियों में नयी बीमारी के फैलने से ग्रामीणों की कुछ समझ में नहीं आ रहा है। दर्जनों मवेशी अभी भी बीमार पड़े हैं। पशुपालन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी फोन तक उठाने को तैयार नहीं हैं। ग्राम पंचायत पाब जगपुड़ा में एक दर्जन से अधिक मवेशी बीमार हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायत मक्कू के विभिन्न तोकों में गरीब पशुपालकों के मवेशी बीमार हैं। अभी तक क्षेत्र में अज्ञात बीमारी के चलते एक दर्जन मवेशियों की मौत हो चुकी है।

कहा कि पशुपालन विभाग को क्षेत्रों में जाकर इस नयी बीमारी की जांच कर मवेशियो का ईलाज करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी कार्यालयों में बैठने तक सीमित रह गए हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार पलायन को रोकने के लिए कृषि, उद्यानीकरण के साथ ही पशुपालन को बढ़ावा देने की बात कर रही है, वहीं पशुपालन विभाग की निष्क्रियता के कारण काश्तकारों का पशुपालन व्यवसाय बर्बाद हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पशुपालन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्îूटी सिर्फ यात्राकाल में घोड़ा-खच्चर स्वामियों से पैंसे लेकर फर्जी मेडिकल जारी करने तक रह गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन व्यवसाय पर निर्भर रहने वाले ग्रामीणों की परेशानियों का समाधान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने आक्रोश जताते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं किया गया तो पीड़ित पशुपालक विभाग के खिलाफ उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। वहीं दूसरी ओर धनपुर पट्टी के पाबौ और पीड़ा में अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से मवेशी बीमार हैं। ग्रामीण रंजीत नेगी ने बताया कि मवेशियों के पैरों में अज्ञात बीमारी हो रही है, जिसके बाद वे बीमर हो रहे हैं। विभाग को सूचित करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने जल्द से जल्द मवेशियों के ईलाज की मांग की है।
