दरमोला गांव में पांडव नृत्य की मची धूम
पकवान खाने के बाद पांडव पश्वों ने अस्त्र-शस्त्रों के साथ किया नृत्य
रुद्रप्रयाग। भरदार क्षेत्र के दरमोला गांव में चल रहे पांडव नृत्य इन दिनों धूम मची हुई है। बुधवार को नौगरी के कौथिग (गांव घूमने की परम्परा) के दौरान ग्रामीणों ने पांडवों के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए। इसके उपरान्त पांडवों ने अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य शुरू किया। नृत्य देखने के लिए बड़ी संख्या में दूर-दराज क्षेत्रों से दर्शक पहुंचे थे। तीन दिसम्बर को नारायण के फल वितरण के साथ पांडव नृत्य का विधिवत समापन होगा।

जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत दरमोला में गत 14 नवम्बर से चल रहे पांडव नृत्य के दौरान बुधवार को नौगरी का कौथिग का आयोजन किया गया। इस बार समय के चलते पांडव पश्र्वों ने गांव का भ्रमण नहीं किया। गांव के स्थानीय लोग सुबह से ही अपने घरों में पांडव पश्र्वों के लिए विभिन्न तरह के पकवान बनाने में जुट गए थे। जिसके बाद सभी ग्रामीण तैयार विभिन्न तरह के पकवानों को पांडव चैक में ले गए। सर्वप्रथम पांडवों के लिए बनाए गए पकवान का भोग भगवान बद्री विशाल व शंकरनाथ देवता को लगाया, उसके बाद ही पांडव पश्र्वों ने इसे ग्रहण किया। मान्यता है कि जब पांडव अज्ञातवास के लिए गए थे, तो उस समय उन्होंने विभिन्न गांवों में भीक्षा मांगकर ही अपना पेट भरा था। आज भी लोग इस परम्परा की संस्कृति को जीवित रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
दोपहर दो बजे बाद पांडव पश्र्वों ने सर्वप्रथम नृत्य करने वाले स्थान का पूजन किया। इसके बाद देवता नर रूप में अवतरित हुए। जिसके बाद पांडवों ने अपने अस्त्र-शस्त्रों के साथ ढोल दमाऊ की थाप पर नृत्य शुरु किया। जो लगभग दो घंटे चलता रहा। इसके बाद अंत में भक्तों को प्रसाद वितरण भी किया गया। इससे पूर्व दूर-दराज गांव से आई धियाणियों एवं ग्रामीणों ने बद्रीनाथ व शंकरनाथ देवता के दर्शन कर भेंट भी अर्पित की तथा उन्होंने भगवान से अपने परिवार की खुशहाली की कामना भी की। दो दिसम्बर को गेंडा कौथिग व सिरोता एवं तीन दिसम्बर को फल वितरण के साथ पांडव नृत्य का समापन किया जाएगा। नृत्य देखने के लिए दरमोला के साथ ही जवाड़ी, तरवाडी, रौठिया, स्वीली, सेम, डुंग्री, उत्यासू, मेदनपुर समेत दूर-दराज गांवों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे हुए थे। इस अवसर पर पुजारी कीर्तिराम डिमरी, पांडव नृत्य समिति के अध्यक्ष जसपाल सिंह पंवार, कोषाध्यक्ष राजेन्द्र कप्रवान, त्रिलोक सिंह, दान सिंह, कीर्तन सिंह, पूर्व क्षेपंस गुडडी देवी, विजय सिंह,समेत सैकड़ों भक्तजन उपस्थित थे।
फोटो: दरमोला में पकवान खाने के बाद पांडव नृत्य करते पश्वा

