रुद्रप्रयाग। कालीमठ क्षेत्रान्तर्गत जाल मल्ला में चल रहे पांडव लीला के दौरान भव्य जल कलश यात्रा निकाली गई। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु कलश यात्रा के साक्षी बने। आगामी 13 दिसंबर को पांडव नृत्य का परंपरागत रूप से समापन किया जाएगा। शनिवार को प्रातः कोटि माहेश्वरी के पवित्र संगम से 101 जल कलश द्वारा भव्य यात्रा निकालकर भगवान का इस पवित्र जल से रुद्राभिषेक किया गया। तदोपरांत मां कुंती का आशीर्वाद लेकर पांडवों ने भगवान शंकर की आराधना की। ढोल दमाऊ और जागर की स्वर लहरी के बीच नृत्य आरंभ किया गया। कार्यक्रम में शिरकत करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता कुलदीप सिंह ने कहा कि लोक संस्कृति और परंपराओं को अक्षुण्ण रखने की दिशा में इस तरह के कार्यक्रम होने चाहिए। उन्होंने कहा कि केदारघाटी को मोक्ष स्थल भी कहा जाता है। इसी स्थान से गमन करते हुए पांडव केदारनाथ धाम पहुंचे थे। इस मौके पर लक्ष्मण सिंह सतकारी, त्रिलोक सिंह समेत हजारों लोग मौजूद थे।
