निराश्रित घायल पशुओं के उपचार में जुटी गौ रक्षा विभाग की टीम
गुलाबराय मैदान में किया घायल गाय का ट्रीटमेंट,
दो दर्जन गाय और नंदी को दिया भूसा चारा
अब तक तीन दर्जन से अधिक घायल गाय और नंदी का ट्रीटमेंट कर चुकी है गौ रक्षा विभाग की टीम,
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग शहर में निराश्रित घूम रही घायल गाय और नंदी के ट्रीटमेंट को लेकर विश्व अखाड़ा परिषद का गौ रक्षा विभाग कार्य कर रहा है। पशुपालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के सहयोग से चोटिल अवस्था में यहां-वहां भटक रहे पशुओं का उपचार किया जा रहा है। साथ ही निराश्रित घूम रहे इन गाय और नंदी के लिए भूसा चारे की भी व्यवस्था की जा रही है, जबकि लोगों से गाय और नंदी के संरक्षण व संवर्द्धन को लेकर आगे आने की अपील की जा रही है। अब तक गौ रक्षा विभाग की टीम तीन दर्जन से अधिक घायल गाय और नंदी का ट्रीटमेंट करवा चुके हैं।
बता दें कि रुद्रप्रयाग शहर में नगर पालिका क्षेत्र के अन्तर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग बद्रीनाथ, केदारनाथ के अलावा पोखरी, तूना-बौंठा मार्गो पर निराश्रित गाय और नंदी घूम रहे हैं। ये गाय और नंदी शीतलहर के कारण खासे परेशान हैं, जबकि रात के समय भारी वाहनों की चपेट में ये आ रहे हैैं। इसके अलावा यहां-वहां भटकने से इनके पैंरों में कांच भी चुभ रहे हैं, जिस कारण ये घायल हो रहे हैं। विश्व अखाड़ा परिषद का गौ रक्षा विभाग इन निराश्रित गाय और नंदी का ट्रीटमेंट कर रहा है। शुक्रवार को गुलाबराय मैदान में एक घायल गाय का गौ रक्षा विभाग की टीम ने पशुपालन विभाग के सहयोग से ट्रीटमेंट किया। साथ ही दो दर्जन से अधिक गाय और नंदी को भूसा चारा भी दिया।
गौ रक्षा विभाग के जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी ने कहा कि नगर क्षेत्र में गौशाला की व्यवस्था नहीं होने से ये निराश्रित गाय और नंदी यहां-वहां भटक रहे हैं। सबसे ज्यादा गाय और नंदी गुलाबराय मैदान में देखे जा रहे हैं। इनके लिए यहां पर कुछ भी ऐसी व्यवस्था नहीं है, जो ये शीतलहर से अपना बचाव कर सकें। गौ रक्षा विभाग ने नगर पालिका से गुलाबराय मैदान में गाय और नंदी के संरक्षण को लेकर एक अस्थाई टिनशेड निर्माण की मांग भी की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों से असामाजिक लोग अपने मवेशियों का उपयोग करने के बाद उन्हें शहरी इलाकों में छोड़ रहे हैं। आये दिन रुद्रप्रयाग शहर के अलावा तिलवाड़ा, सुमाड़ी, मयाली, जखोली, अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ, गुप्तकाशी सहित अन्य मुख्य बाजारों में गाय और नंदी की बढ़ती संख्या से राजमार्ग पर जाम की समस्या के साथ ही राहगीरों को परेशानियां हो रही हैं। इसके बावजूद भी जिला प्रशासन और नगर पालिका, नगर पंचायत कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा कि निराश्रित गाय और नंदी का चिन्हीकरण किया जाए, जिससे यह पता चल सके कि दिन-प्रतिदिन शहरी इलाकों में कितने गाय और नंदी छोड़े जा रहे हैं। इसके साथ ही मुख्य-मुख्य स्थानों पर गौशालाओं का निर्माण किया जाए, जिससे इनका संवर्द्धन और संरक्षण हो सके। इस मौके पर पशु अधिकारी देवाशीष, फार्मासिस्ट इन्द्रजीत, राजवर राणा, दुर्गा, विश्व अखाड़ा परिषद (गौ रक्षा विभाग) जिलाध्यक्ष रोहित डिमरी, सचिव देवेन्द्र बिष्ट, कोषाध्यक्ष संदीप कप्रवाण, गावस्कर रावत, आशू सेमवाल सहित अन्य मौजूद थे।