पत्थर में बीज पुस्तक का ऋषिकेश में हुआ लोकार्पण
ऋषिकेश। शिक्षकों के सर्वोच्च सम्मान राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षाविद्, साहित्यकार, गीतकार, संस्कृतिकर्मी डॉ० गीता नौटियाल द्वारा सम्पादित पुस्तक “पत्थर में बीज” का लोकार्पण ऋषिकेश के ढालवाला में स्थित चन्द्रा पैलेस में गढ़भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति आवाज साहित्यिक संस्था ढालवाला के संयोजन में आयोजित समारोह में सम्पन्न हुआ। डॉ० गीता नौटियाल द्वारा अध्यापक के रूप में सरकारी सेवा से सेवानिवृत्ति के अवसर पर नवाचार करते हुए राज्य के विभिन्न शिक्षकों, साहित्यकारों व युवा लेखकों के 60 संस्मरणात्मक लेखों के संकलन की इस पुस्तक का लोकार्पण माधव आश्रम ऋषिकेश के संत स्वामी केशव स्वरूप महाराज और महंत मनोज द्विवेदी प्रपन्नाचार्य महाराज शत्रुध्न मन्दिर रामझूला के सानिध्य में मुख्य अतिथि ऋषिकेश के नगर पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी , विशिष्ट अतिथि द्वारीखाल के खण्ड शिक्षा अधिकारी डॉ० सुरेन्द्र सिंह नेगी व गढ़भूमि लोक संरक्षण समिति के अध्यक्ष आशाराम व्यास, साहित्यकार बीना बेंजवाल, एस सी ई आर के प्रवक्ता डॉ ० उमेश चमोला, डॉ ०मधु डी०सिंह सेवानिवृत्त प्रोफेसर के कर कमलों से हुआ।
समारोह की सबसे खास बात यह रही कि पुस्तक विमोचन के अवसर पर प्रतीकात्मक आवरण के लिए जैविक उत्पाद का प्रयोग करते हुए मालू के पत्तों का प्रयोग किया गया, जिसकी लोगों ने जमकर तारीफ भी की।

पुस्तक की समीक्षा प्रसिद्ध साहित्यकार बीना बेंजवाल द्वारा की गई। कार्यक्रम के संरक्षक के रूप में डॉ० गीता नौटियाल के जेठ और बलीराम नौटियाल के बड़े भाई शम्भू प्रसाद नौटियाल जी थे। कार्यक्रम का संचालन करते गढ़भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति के उद्घोषक डॉ० सुनील थपलियाल ने अपनी विशिष्ट शैली से सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया और पुस्तक के संपादक के मंतव्य को सभी के सामने रखा।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र का संचालन करते हुए प्रसिद्ध संस्कृति कर्मी और शिक्षक गिरीश बडोनी ने डॉ० गीता नौटियाल द्वारा सम्पादित इस पुस्तक के सह सम्पादक के रूप में पुस्तक में चयनित संस्मरणों का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे वे संस्मरण एक धरोहर के रूप में बच्चों व युवाओं के लिए प्रेरक प्रसंग के रूप में पठनीय हैं। आकाशवाणी देहरादून की उद्घोषिका शांति बिंजोला द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गयी। गढ़भूमि लोक संस्कृति संरक्षण समिति की बहिनों द्वारा गणपति वंदना के साथ कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ हुआ।
अपने स्वागत सम्बोधन में पत्थर के बीज पुस्तक की सम्पादक राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त अध्यापिका डॉ० गीता नौटियाल ने समारोह में उपस्थित सभी आगन्तुकों का स्वागत, अभिनंदन करते हुए कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उनके द्वारा संकलित लेखों की पुस्तक का लोकार्पण तीर्थनगरी ऋषिकेश की पावन भूमि पर हो रहा है।
कार्यक्रम के तीसरे सत्र पुस्तक के संस्मरणों के लेखकों के सम्मान समारोह का संचालन करते हुए शिक्षक व साहित्यकार हेमंत चौकियाल ने लेखकों के संस्मरणों की एक हल्की सी झलक प्रस्तुत करते हुए मंचासीन अतिथियों द्वारा सभी उपस्थित लेखकों को पुष्पाहार, अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह के साथ पुस्तक की प्रति भेंट की गई।

कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले लेखकों में बीना बेंजवाल, पुस्तक के आवरण पृष्ठ के चित्रकार जय कृष्ण पैन्यूली “माटी”, डॉ० सुनील थपलियाल, नूतन वशिष्ठ, डॉ० गीता नौटियाल के गुरू नरेंद्र दत्त सेमवाल, डॉ० उमेश चमोला, नौटियाल परिवार के समधी कैप्टन गणेश गौड़, चन्द्रदीप्ति राष्ट्रीय षट्मासिक पत्रिका के सह सम्पादक मनमोहन भट्ट, प्रसिद्ध स्वच्छता एमेडस्टर मनोज बेंजवाल, दस्तक त्रयमासिक पत्रिका व साप्ताहिक पत्र के समन्वयक सम्पादक गजेन्द्र रौतेला, युवा साहित्यकार कु० साक्षी वशिष्ठ, नवाचारी प्रयोगों के लिए चर्चित विज्ञान अध्यापक पीयूष शर्मा, युवा कवियत्री विमला राणा, शैलेश मटियानी और राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित अध्यापक माधव सिंह नेगी, एस जी आर आर पी जी कालेज देहरादून की सेवानिवृत्त अध्यापिका मधु डी० सिंह, शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक हृदय राम अंथवाल, डॉ० भीमराव अंबेडकर के विचारों व दर्शन के अनुयायी डॉ० पवन कुदवान, गढ़भूमि के उपाध्यक्ष घनश्याम प्रसाद नौटियाल , पत्रकार रेनु सकलानी, साराभाई राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार व शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक व साहित्यकार हेमंत चौकियाल, प्रसिद्ध मंच संचालन, संस्कृति कर्मी व संचालक गिरीश बडोनी को उनके बेहतरीन संस्मरणों के लेखन के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर चन्द्रवीर पोखरियाल वसुन्धरा पैलेस, पूर्व राज्य मन्त्री रमेश उनियाल,गढ़भूमि के सचिव विशालमणि पैन्यूली, निर्मला शर्मा, गढ़भूमि के सचिव विशाल मणि पैन्यूली, गढ़भूमि के संगठन मन्त्री सुरेन्द्र भण्डारी, गढ़भूमि के सहसचिव गजेन्द्र सिंह कण्डियाल, एडवोकेट रामावल्लभ भट्ट , गढ़भूमि लोक संरक्षण समिति के संचालक और उद्घोषक डॉ० सुनील थपलियाल,प्रसिद्ध साहित्यकार रमाकांत बेंजवाल,समाजसेवी वीरेन्द्र सकलानी, आवाज संस्था के मदन शर्मा, नौटियाल परिवार के समधी कैप्टन गणेश गौड़, शिक्षक एवं साहित्यकार अशोक जी, रीजनल रिपोर्टर की सम्पादक गंगा असनोड़ा थपलियाल,राजकीय महाविद्यालय नरेन्द्र नगर के प्रोफेसर डॉ० उमेश चन्द्र मैठाणी, ग्राम बैनोली के गीतकार, संगीतकार व सामाजिक कार्यकर्ता हरीश सेमवाल, जसपाल सिंह कठैत, अध्यापिका ललिता रौतेला, श्री सत्यानंद मेमोरियल पब्लिक स्कूल लुधियाना के चेयरपर्सन दिनेश गौड़, सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य परशुराम सेमवाल, प्रोफेसर देवीप्रकाश सेमवाल,गिरिजा सेमवाल, राजकुमारी गौड और रामेश्वर प्रसाद गौड़, प्रधानाचार्य विष्णु दत्त किमोठी, रीना खण्डूरी बडोनी, अरूणा चौकियाल, सूर्य प्रकाश नौटियाल, विष्णु प्रसाद नौटियाल, राकेश नौटियाल, अनिल नौटियाल, सत्येश्वरी नेगी, शाकंबरी नौटियाल , प्रेम बल्लभ गौड़ , शम्भू प्रसाद नौटियाल सहित ऋषिकेश क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में सम्पन्न इस लोकार्पण समारोह में अतिथियों, आगन्तुकों एवं आमन्त्रित लेखकों, साहित्यकारों, समाजसेवियों का आभार व अभिनंदन करते हुए बलीराम नौटियाल ने कहा कि यह एक ईश्वरीय विधान ही बना कि बहुप्रतीक्षित इस पुस्तक का लोकार्पण आज ऋषिकेश की पावन माटी में संपन्न हुआ।
270पृष्ठों की इस पुस्तक का आवरण चित्र प्रसिद्ध चित्रकार और शिक्षक जयक़ृष्ण पैन्यूली के निर्देशन में अभिषेक पैन्यूली द्वारा तैयार किया गया है। पुस्तक के प्रकाशक और मुद्रक संस्कृति प्रकाशन जय अम्बे पुस्तक भण्डार अगस्त्यमुनि के स्वामी और दस्तक पत्रिका के संपादक श्री दीपक बेंजवाल हैं। पुस्तक के सम्पादन सहयोगी गिरीश बडोनी और हेमंत चौकियाल हैं।

