दलित के हत्यारों को मिले कठोरतम सजा: मोहित डिमरी
जन अधिकार मंच के अध्यक्ष और उत्तराखण्ड क्रांति दल के युवा नेता ने भेजा राष्ट्रपति को पत्र
दलित उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने की मांग
रुद्रप्रयाग। चंपावत में दलित व्यक्ति की हत्या के दोषियों के खिलाफ़ कठोर कार्रवाई की मांग को लेकर जन अधिकार मंच के अध्यक्ष और उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को पत्र भेजा है।
राष्ट्रपति को लिखे पत्र में जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि उत्तराखंड के चंपावत जिले में बारात में खाना खाने के मामले में एक दलित व्यक्ति की हत्या का जघन्य मामला सामने आया है। चंपावत जिले में देवीधुरा के पास 45 वर्षीय रमेश राम की टेलरिंग की दुकान थी। 28 नवंबर को रमेश राम एक शादी में गए थे, लेकिन वहां से वापस नहीं लौटे। शाम को जब रमेश राम के पुत्र संजय ने उन्हें फोन किया तो किसी अन्य व्यक्ति ने फोन उठाया और कहा कि उसके पिता शादी में व्यस्त हैं। अगले दिन संजय को उसके पिता के बेहोश होने और कुछ लोगों द्वारा लोहाघाट के अस्पताल में छोड़ कर जाने की बात पता चली। रमेश राम को गंभीर हालत में चंपावत के जिला अस्पताल और वहां से हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां रमेश राम ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मृतक रमेश राम के पुत्र के अनुसार उसके पिता के शरीर पर चोटों के निशान थे।

मृतक रमेश राम की पत्नी की ओर इस मामले में पाटी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी। मृतक की पत्नी का कहना है कि उनके पति को सवर्ण लोगों ने इसलिए बेरहमी से मारा क्यूंकि वे शादी में एक दलित के अपने सामने खाना खाने से नाराज थे। मृतक रमेश राम की पत्नी के आरोप यदि सत्य हैं तो यह बेहद अमानवीय कृत्य है।
उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि शांत दिखने वाले उत्तराखंडी समाज में पिछले वर्षों में दलित उत्पीड़न की जो घटनाएं सामने आई हैं, वे भयावह हैं। अक्टूबर 2016 में बागेश्वर में एक दलित युवक सोहन राम की दराँती से काट कर इसलिए हत्या कर दी गयी क्यूंकि हत्या करने वाले को लगा कि उक्त दलित युवक के छूने से आटा चक्की अपवित्र हो गयी है। हत्या का आरोपी प्राइमरी शिक्षक था। मई 2019 में टिहरी जिले के जौनपुर क्षेत्र में एक दलित युवक जितेंद्र की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। हत्या का कारण वहां भी यही सामने आया कि दलित युवक का सवर्णों के सामने कुर्सी में बैठ कर खाना, सवर्णों को नागवार गुजरा। आधुनिक कहे जाने वाले दौर में जाति के नाम पर हत्या हो रही है, जो कि किसी भी समाज के लिए कलंक है।
मोहित डिमरी ने राष्ट्रपति से रमेश राम के हत्या के दोषियों को कठोर सजा दिलाने और दलित उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने की मांग की है।