सिविल सेवा में मुकुल जमलोकी ने हासिल की 161वीं रैंक
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के मूल निवासी मुकुल जमलोकी ने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा 2022 में फिर स्थान बनाया है। इस बार आल इंडिया रैंकिंग में उनका स्थान 161 है। वर्तमान में मुकुल जमलोकी सीएजी कार्यालय में डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के पद पर कार्यरत हैं। मुकुल ने यूपीएससी परीक्षा के अब तक के सभी प्रयासों में सफलता अर्जित की है। वे पहले वर्ष 2017 में इंडियन इनफॉर्मेशन सर्विस के लिए चुने गए। फिर वर्ष 2018 में इंडियन पोस्टल सर्विस के लिए चयनित हुए। वर्ष 2020 में वे इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट सर्विस के लिए चयनित होने के बाद इस बार उन्हें भारतीय पुलिस सेवा अथवा भारतीय विदेश सेवा संवर्ग आवंटन की संभावना है लेकिन नई सेवा पर जाने के वे इच्छुक नहीं हैं।

मुकुल जमलोकी मूलत: रुद्रप्रयाग जिले की ऊखीमठ तहसील के रविग्राम (फाटा) के निवासी हैं। उनके पिता डॉ. ओम प्रकाश जमलोकी संप्रति दूरदर्शन के देहरादून केंद्र में वीडियो एक्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत हैं, जबकि माता श्रीमती इंदु जमलोकी दिल्ली सरकार के स्कूल में अर्थशास्त्र की प्रवक्ता हैं। मुकुल की एक छोटी बहन है, वह दिल्ली सरकार के अस्पताल में चिकित्सक है। मुकुल ने देहरादून के ब्राइट लैंड स्कूल से पढ़ाई की है।

इसके अलावा रुद्रप्रयाग जिले के स्वीली गांव की कंचन डिमरी ने भी इस वर्ष यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण कर जिले का गौरव बढ़ाया है। कंचन के पिता देवी प्रसाद डिमरी दिल्ली में सेवारत हैं। रुद्रप्रयाग जनपद की कंचन डिमरी मुख्यालय से सटे गांव स्वीली-सेम की रहने वाली है। स्वर्गीय घनानंद डिमरी की सुपौत्री एवं देवी प्रसाद डिमरी की पुत्री कंचन डिमरी के आईएएस में चयन होने से सम्पूर्ण परिवार में खुशी का माहौल है। कंचन के पिता देवी प्रसाद डिमरी बीते कई वर्षो से दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में सामान्य नौकरी पर हैं। बेटी ने अपनी मेहनत और स्वयं के संसाधनों से सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। कंचन ने बताया कि उन्होंने कठिन परिश्रम करते हुए सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई है। उन्होंने बताया कि मन में दृढ़ संकल्प था कि वह अपने लक्ष्य को पाने में जरूर कामयाब होंगी। इधर, प्रसिद्ध कथा ब्यास डॉ शंशाक शेखर डिमरी ने बताया कि दिल से बहुत प्रसन्नता हो रही है कि रुद्रप्रयाग जनपद के पश्चिम भरदार से शायद पहली बार हमारे गांव के आसपास क्षेत्र से किसी ने भारत की सर्वोच्च सेवा आईएएस में कामयाबी पाई है। कहा कि कंचन ने संपूर्ण परिवार का नाम रोशन किया है। बताया कि एक सामान्य परिवार में पली बढ़ी और शिक्षा लेने वाली कंचन आने वाले बच्चों के साथ ही समाज के सामने प्रेरणास्रोत बन गई है।
उधर, चमोली जिले के बागड़ी गांव की मुद्रा गैरोला ने भी यूपीएससी क्रैक किया है। वे पिछले वर्ष आईपीएस के लिए चयनित हुई थी।
