किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने मनाया वाचाथी दिवस
तमिलनाडु के वाचाथी में हुई घटना पर जताया रोष
ऊखीमठ। अखिल भारतीय किसान सभा की जिला कौंसिल की ओर से ऊखीमठ में वाचाथी दिवस मनाया गया। इस मौके पर वक्ताओं ने 1992 में तमिलनाडु के वाचाथी में हुई घटना पर चर्चा करते हुए रोष व्यक्त किया।

वाचाथी विजय दिवस के अवसर पर तहसील मुख्यालय में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सीटू के जिलामंत्री वीरेंद्र गोस्वामी ने कहा कि 20 जून 1992 को वाचाथी तमिलनाडू में वन कर्मी, पुलिस व राजस्व अधिकारियों ने तस्करी की गई चंदन की लकड़ियों के खोज के बहाने वाचाथी में गए ग्रामीणों का चंदन की तस्करी से कोई लेना देना नही था, उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की गई। लोगों के घर, बगान, मवेशियों को मारकर 18 महिलाओं से सामूहिक बलात्कार किया था। तब तमिलनाडू की अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में 1992 से वर्ष 2011 तक लंबे संघर्ष के बाद 126 वन कर्मी, 84 पुलिस कर्मी व पांच राजस्व अधिकारियों समेत कुल 269 लोगों को दोषी ठहराया गया। यह भारत के कानूनी इतिहास में एक ऐतिहासिक निर्णय था। वाचाती की पीड़ित महिलाओं व गांव के लोगों पर हुए अत्याचार करने वालों के खिलाफ चली लंबी लड़ाई में विजय ग्रामीणों की हुई। मद्रास उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में पीड़ित महिलाओं को 10 लाख रुपए मुआवजा देने व प्रत्येक पीड़ित परिवार के एक सदस्यों को सरकारी नौकरी दने को कहा था। वक्ताओं ने कहा कि आज उत्तराखंउ में लोगों को उजाड़ा जा रहा है। उन्हें झूठे मुकदमों में उलझाया जा रहा है। इस मौके पर किसान सभा के जिलाध्यक्ष अषाड़ सिंह, इन्द्र लाल, जगमोहन सिह झिंकवाण, अधिवक्ता आलोक तिवारी आदि थे।
